इस बीज के तेल से ये अंग हो सकता है डैमेज, अधिक सेवन से होगा भारी नुकसान, जानें कैसे दिखते हैं लक्षण

Harmful effects of consuming sunflower oil: कई तरह के बीज होते हैं, जिसमें सूरजमुखी के बीज काफी फायदेमंद होते हैं. सनफ्लावर सीड से तैयार तेल भी काफी हेल्दी है. यह स्वास्थ्य संबंधित कई समस्याओं को दूर करता है. काफी लोग सूरजमुखी के बीज से बने तेल का भी भोजन में इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, सूरजमुखी के तेल का अधिक इस्तेमाल भी काफी अनहेल्दी हो सकता है. रेगुलर आप सूरजमुखी के तेल का सेवन करते हैं तो आपको लिवर संबंधित गंभीर समस्या हो सकती है. चलिए जानते हैं सूरजमुखी के बीज के तेल के अधिक सेवन से क्या-क्या नुकसान हो सकता है.
सूरजमुखी के तेल के सेवन के नुकसान
-इस तेल में ओमेगा-6 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है, जो लिवर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, सूरजमुखी तेल में पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (ओमेगा-6) होता है, जिसके अधिक सेवन से खून में लिपिड (कोलेस्ट्रॉल और फैट) का लेवल बेहतर होता है. हालांकि, इससे इन्फ्लेमेशन और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में कितना प्रभावी है, यह अभी पूरी तरह साफ नहीं है.
-सूरजमुखी के बीजों से निकाला गया तेल खाना पाकने, फ्राइंग और प्रॉसेस्ड फूड में खूब इस्तेमाल किया जाता है. ओमेगा-6 फैटी एसिड विशेष रूप से लिनोलेइक एसिड की मात्रा अधिक होती है. ओमेगा-6 फैटी एसिड एक पॉलीअनसैचुरेटेड फैट है, जो शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन इन्हें संतुलित मात्रा में लेना महत्वपूर्ण है. ये सनफ्लावर, सोयाबीन, कॉर्न ऑयल और प्रोसेस्ड फूड्स में पाए जाते हैं.
-आधुनिक आहार में ओमेगा-6 की मात्रा बहुत ज्यादा और ओमेगा-3 की मात्रा बहुत कम होती है. यह असंतुलन इन्फ्लेमेशन को बढ़ाता है, जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है.
-अधिक ओमेगा-6 फैटी एसिड का सेवन लिवर में फैट जमा कर सकता है. इससे नॉन-एल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज हो सकता है. यह लिवर की सूजन और लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है.
– ओमेगा-6 फैटी एसिड को आप अधिक गर्म करते हैं तो ये ऑक्सीडाइज हो सकते हैं. इससे फ्री रेडिकल्स बनते हैं. ये लिवर सेल्स को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. ये क्रॉनिक सूजन बॉडी में बढ़ाते हैं, इससे लिवर कमजोर हो सकता है.
लिवर खराब होने के लक्षण
जब आपका लिवर ठीक से काम नहीं करेगा तो आपको अधिक थकान, पेट में भारीपन, पीलिया यानी त्वचा और आंखों का पीला पड़ जाना, पाचन संबंधी समस्याएं शुरू हो सकती हैं.
इनपुट- आईएएनएस