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महाभारत काल से जुड़ा ये मंदिर, कहते हैं श्रीकृष्ण भी आए थे यहां, दर्शन से मिटते हैं ग्रह क्लेश

Last Updated:March 12, 2025, 12:57 IST

जयपुर से 90 किमी दूर विराट नगर के पापड़ी गांव में अंबिका माता का चमत्कारी मंदिर है, जिसे मनसा माता भी कहते हैं. यह देवी पुराण के 51 शक्तिपीठों में से 41वां है.X
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इस मंदिर का उल्लेख महाभारत सहित कई पौराणिक पुस्तकों में मिलता है.

हाइलाइट्स

विराट नगर में अंबिका माता का चमत्कारी मंदिर है.मंदिर में पूजा से ग्रह क्लेश दूर होते हैं.यह मंदिर देवी पुराण के 51 शक्तिपीठों में से 41वां है.

काजल मनोहर/जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर को छोटी काशी कहा जाता है. यहां कई मंदिर हैं, यहां पूजा करने के लिए न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत और विदेशों से भी लोग आते हैं. ऐसा ही एक अनोखा मंदिर राजधानी से 90 किलोमीटर दूर विराट नगर में स्थित है. यहां अंबिका माता का एक चमत्कारी मंदिर है, जिन्हें मनसा माता भी कहा जाता है. भक्तों की मान्यता है कि इस मंदिर में विधि-विधान से पूजा करने से ग्रह क्लेश जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं. यही कारण है कि इस मंदिर में हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है.

अंबिका माता का यह चमत्कारी मंदिर विराट नगर के पास पापड़ी गांव में स्थित है. इस मंदिर का उल्लेख महाभारत सहित कई पौराणिक ग्रंथों में मिलता है. माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण भी इस पवित्र भूमि पर आए थे. मां अंबिका का यह शक्तिपीठ देवी पुराण के 51 शक्तिपीठों में से 41वां शक्तिपीठ माना जाता है. कहा जाता है कि यहां देवी सती के बाएं पैर की 4 उंगलियां गिरी थीं.

भगवान शिव की अमृतेश्वर रूप में पूजाअंबिका माता के इस अनोखे मंदिर में भगवान शिव भी विराजमान हैं. यहां भगवान शिव को अमृतेश्वर भैरव नाथ के रूप में पूजा जाता है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं के बीच मंदिर को लेकर कई महत्वपूर्ण मान्यताएं हैं. कई श्रद्धालुओं का मानना है कि इस अलौकिक मंदिर में दर्शन करने मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. पुराणों के अनुसार, इसी स्थान पर पांडवों ने अपने अज्ञातवास का समय बिताया था. यहां भीम की डूंगरी मशहूर है. कहा जाता है कि यहां मौजूद भीम गट्टों से महाबली भीम खेला करते थे.

माता संकट से करती थीं सचेतमाता अंबिका के इस मंदिर का उल्लेख महाभारत सहित कई पौराणिक ग्रंथों में मिलता है. मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में जब भी इलाके में कोई संकट आने वाला होता था, तो माता रानी कस्बे के लोगों को सचेत कर देती थीं. माता रानी के मंदिर का गर्भगृह बेहद साधारण रूप से सुसज्जित है. इस मंदिर में कई देवी-देवताओं के चित्र लगाए गए हैं. साथ ही गर्भगृह का आकार गोलाकार है और इसमें एक ध्वज लगा हुआ है. मंदिर के बाहर की दीवारों पर शक्तिपीठों के निर्माण की कथा अंकित है.


Location :

Jaipur,Rajasthan

First Published :

March 12, 2025, 12:57 IST

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महाभारत काल से जुड़ा ये मंदिर, यहां पूजा करने से दूर होते हैं ग्रह क्लेश, जाने

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