These youth gave a unique message of environment on their valuable land worth crores, developed a forest away from the city in the name of Bird Heaven.

Last Updated:March 02, 2025, 14:29 IST
जोधपुर के पर्यावरण प्रेमी सुमित माहेश्वरी और सुरेंद्र बोराणा ने अपनी करोड़ों की जमीन पर ‘बर्ड हेवन’ नामक जंगल विकसित किया है, जहां 100 से अधिक प्रजातियों के 700 पौधे लगाए गए हैं, जिससे लुप्तप्राय पक्षियों को सं…और पढ़ेंX
केरू में डेवलप किया जंगल
हेमंत लालवानी/जोधपुर- जब कोई व्यक्ति कीमती जमीन खरीदता है, तो आमतौर पर वह उस पर शॉपिंग मॉल, होटल या अन्य व्यवसायिक परियोजनाओं की योजना बनाता है. लेकिन जोधपुर के कुछ पर्यावरण प्रेमियों ने अपनी करोड़ों की बेशकीमती जमीन को पर्यावरण के लिए समर्पित कर दिया है. हम बात कर रहे हैं पर्यावरण प्रेमी सुमित माहेश्वरी और उनके उद्योगपति मित्र सुरेंद्र बोराणा की, जिन्होंने जोधपुर के केरू क्षेत्र में ढाई बीघा जमीन पर ‘बर्ड हेवन’ नामक जंगल बसाया है. इस जंगल का मुख्य उद्देश्य उन पक्षियों का संरक्षण करना है, जिनकी प्रजातियां जंगलों की कटाई और प्राकृतिक आवासों के खत्म होने के कारण लुप्त हो रही हैं. आज यह जंगल घने हरियाली में तब्दील हो चुका है, जहां पक्षियों की मधुर आवाजें सुकून का एहसास कराती हैं.
पक्षियों के लिए बना एक खास जंगलशहर से दूर बसे इस जंगल को केवल पक्षियों के संरक्षण के उद्देश्य से विकसित किया गया है. यहां पक्षियों को प्राकृतिक और सुरक्षित वातावरण देने के लिए विशेष प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं. इस जंगल को विकसित करने में लंबा समय लगा, लेकिन अब यह एक घने वन का रूप ले चुका है.
100 प्रजातियों के 700 पौधे लगाए गएसुमित माहेश्वरी बताते हैं कि इस जंगल को बनाने का मकसद 100 तरह के 700 पौधे और 20 तरह की 200 बेलों को लगाकर पक्षियों के लिए एक आदर्श स्थान तैयार करना था. इस परियोजना को डीएफओ महेंद्र सिंह राठौड़ के निर्देशन में विकसित किया गया. चार सालों में यह जंगल इतना घना हो गया है कि इसमें कई औषधीय पौधों समेत दुर्लभ पेड़ भी शामिल हैं. अगले दो वर्षों में यह जंगल इतना घना हो जाएगा कि दिन में भी यहां टॉर्च लेकर जाना पड़ेगा.
केवल रिसर्चर्स और पक्षी प्रेमियों के लिए होगी एंट्रीयह जंगल आम पर्यटकों के लिए नहीं खोला जाएगा. यहां सिर्फ शोधकर्ताओं और पक्षी प्रेमियों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, ताकि पक्षियों को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के सुरक्षित वातावरण मिल सके.
पथरीली जमीन पर जंगल बसाना थी बड़ी चुनौतीसुमित माहेश्वरी बताते हैं कि इस इलाके में जंगल विकसित करना आसान नहीं था. यह पूरी तरह से पथरीली जमीन थी, जहां मिट्टी डालकर उपजाऊ बनाया गया। इस कार्य में सुरेंद्र बोराणा का बड़ा योगदान रहा. उन्होंने जंगल विकसित करने का सपना देखा और इसके लिए लगातार प्रयास किया. शुरुआती दिनों में मिट्टी डालकर बड़े-बड़े गड्ढों को भरा गया और पौधारोपण किया गया. आज यह जगह एक घने जंगल का रूप ले चुकी है.
सोलर पद्धति से बनाया गया ट्यूबवेलसबसे बड़ी चुनौती पानी की उपलब्धता थी. इसके समाधान के लिए सोलर पद्धति से ट्यूबवेल विकसित किया गया और ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को लागू किया गया .इस पूरी परियोजना में डॉ. नीलगिरी तिवाड़ी, राजेश सिंह चौहान, हेमंत सोनी और गुरमीत सिंह का भी योगदान रहा. कोरोनाकाल के दौरान बारिश के समय बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया गया.
एक मिसाल बनी बर्ड हेवन परियोजनायह जंगल केवल जोधपुर ही नहीं, बल्कि पूरे देश में पर्यावरण संरक्षण का एक शानदार उदाहरण बन गया है. सुमित माहेश्वरी और सुरेंद्र बोराणा जैसे पर्यावरण प्रेमियों ने यह साबित कर दिया कि यदि इच्छाशक्ति हो, तो कोई भी असंभव कार्य संभव बनाया जा सकता है.
Location :
Jodhpur,Rajasthan
First Published :
March 02, 2025, 14:29 IST
homerajasthan
पैसा से अमीर तो बहुत होंगे दिल के अमीर, तो सिर्फ यही हैं रेगिस्तान राज्य में..