सिर से पिता साया उठते ही, मां के साथ कंघी, साबुन बेचने लगा था ये एक्टर

Last Updated:March 28, 2025, 19:51 IST
फिल्म ‘शोले’ में ‘सूरमा भोपाली’ का किरदार निभाकर घर-घर पहचान बनाने वाले सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी उर्फ जगदीप का जलवा ही अलग था. अपने करियर में उन्होंने तकरीबन 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था. साल 1975 में …और पढ़ें
हर किरदार में फूंक देता था जान
हाइलाइट्स
जगदीप ने 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया.’शोले’ में सूरमा भोपाली का किरदार निभाया.बचपन में कंघी, साबुन बेचकर गुजारा किया.
नई दिल्ली. रमेश सिप्पी की साल 1975 में आई ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ को लोग आज भी नहीं भूल पाए हैं. खासतौर पर फिल्म में सूरमा भोपाली का किरदार निभाने वाले जगदीप की एक्टिंग तो आज भी लोगों के जहन में हैं. अपनी कॉमिक अंदाज से वह हर फिल्म में लाइलाइट लूट ले जाते थे.
‘हमारा नाम सूरमा भोपाली ऐसे ही नहीं है…’ बात कॉमेडी की हो तो भला सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी को कैसे अनदेखा किया जा सकता है. जी हां! हम बात कर रहे हैं लचकती चाल और आंखों को घुमा-घुमाकर दर्शकों को हंसी का चूरन देने वाले हास्य कलाकार ‘शोले’ के ‘सूरमा भोपाली’ के बारे में. अपनी सीधी-सपाट कॉमेडी से वह दर्शकों को पर्दे पर बांधे रखते थे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह जिस नाम से लोकप्रिय हुए थे, वह नाम उन्हें कैसे मिला?
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यूं मिली थी नई पहचान‘शोले’ के ‘सूरमा भोपाली’ नाम मिलने के पीछे दिलचस्प किस्सा छिपा हुआ है. अभिनेता की जयंती पर आइए पलटते हैं उनकी जिंदगी के पन्ने का खूबसूरत किस्सा, जिसने हमें दिया ‘सूरमा भोपाली’… सूरमा भोपाली का जन्म 29 मार्च, 1939 को मध्य प्रदेश के दतिया में हुआ था. बतौर बाल कलाकार फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता का असली नाम सैय्यद इश्तियाक अहमद जाफरी है. जगदीप ने कई फिल्मों में शानदार काम किए. उनकी पहली फिल्म बीआर चोपड़ा के निर्देशन में बनी ‘अफसाना’ थी. इसके बाद वह ‘लैला मजनूं’ और बिमल रॉय की फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ में भी नजर आए थे.
अमर कर दिया था सूरम भोपाली का किरदारहालांकि, फिल्म ‘शोले’ में उनके किरदार सूरमा भोपाली को दर्शकों ने इतना पसंद किया कि वो किरदार आज भी सिनेप्रेमियों के बीच जिंदा है. अभिनेता सैयद अहमद जाफरी को असली पहचान मिली थी रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘शोले’ से, जिसमें उन्होंने सूरमा भोपाली का किरदार निभाया था और दर्शकों की आंखों के तारा बन गए. फिल्म उनकी जबरदस्त कॉमेडी ऐसी थी कि उन्होंने धर्मेंद्र और अमिताभ को भी टक्कर दे दी थी.
यूं मिला था सूरमा भोपाली नामअपने एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, ‘सलीम और जावेद एक फिल्म ‘सरहदी लुटेरा’ में मैं कॉमेडियन था. हालांकि, मेरे डायलॉग लंबे थे, तो इस मुश्किल से निपटने के लिए मैं सलीम के पास गया और उन्हें बताया कि ये बड़े हैं. इस पर उन्होंने कहा कि जावेद बैठा है, उससे कह दो, फिर जब मैं जावेद के पास गया तो उन्होंने भोपाली अंदाज में झट से समेट दिया. मुझे आश्चर्य हुआ और जब मैंने उनसे पूछा कि यह आपने कैसे किया, तो उन्होंने कहा कि भोपाल में लोग आमतौर पर ऐसे ही बात करते हैं. मैंने भोपाली सीखी और इसके कई सालों बाद मुझे रमेश सिप्पी का फोन आया और उन्होंने कहा कि वह मुझे शोले में लेना चाहते हैं. उन्होंने मुझे बताया कि मेरे किरदार का नाम सूरमा भोपाली है.
बता दें कि बहुत कम उम्र में जगदीप के सिर से पिता का साया उठ गया था. आर्थिक तंगी के चलते खाने के भी लाले पड़ गए थे. जगदीप बचपन में अपनी मां का हाथ बंटाने के लिए कंघी, साबुन और पतंग बेचा करते थे. लेकिन उनकी किस्मत चमकी जब उन्हें फिल्म ‘अफसाना’ में काम करने का मौका मिला. बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट्स उन्होंने इस फिल्म में काम किया था
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
March 28, 2025, 19:51 IST
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कभी कंघी, साबुन बेचकर किया गुजारा, ‘शोले’ में दी थी अमिताभ-धर्मेंद्र को टक्कर