सीकर का यह इलाका बना फूल गोभी का नया हब, दिल्ली से लेकर हिसार तक डिमांड, लाखों में मुनाफा कमा रहे किसान

Last Updated:November 15, 2025, 10:18 IST
Sikar Cauliflower Farming: राजस्थान के सीकर जिले में फूल गोभी की खेती तेजी से बढ़ रही है. किसान अब पारंपरिक फसलों की बजाय गोभी को प्राथमिकता दे रहे हैं, क्योंकि इसमें कम लागत, कम समय और बेहतर मुनाफा मिलता है. नीमकाथाना, खंडेला और खेतड़ी रोड क्षेत्रों में वैज्ञानिक तकनीक से प्रति बीघा 20-30 क्विंटल तक उत्पादन हो रहा है. सीकर की गोभी जयपुर, दिल्ली, गुरुग्राम और हिसार जैसी मंडियों में भी भेजी जाती है.
राजस्थान के सीकर जिले में इन दिनों किसान अपने खेत मेरे फूल गोभी की खेती कर रहे हैं. केवल ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं बल्कि शहरी क्षेत्र में भी यह खेती हो रही है. सीकर के सैकड़ों किसान फूल गोभी की फसल उगाकर लाखों रुपए की कमाई कर रहे. यह खेती अब किसानों के लिए मुख्य आय का जरिया बन गई है. पहले जहां किसान गेहूं और जौ जैसी पारंपरिक फसलें उगाते थे, वहीं अब शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में फूल गोभी की खेती को किसान प्राथमिकता दे रहे हैं.

सीकर के नीमकाथाना, खेतड़ी रोड, खंडेला और आस-पास के गांवों में फूल गोभी की खेती तेजी से बढ़ी है. इन क्षेत्रों का पहाड़ी और उपजाऊ मिट्टी वाला इलाका गोभी की फसल के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है. किसान अब खेतों में वैज्ञानिक तरीके अपनाकर अधिक उत्पादन ले रहे हैं. इससे न केवल स्थानीय बाजारों में बल्कि बाहरी मंडियों में भी गोभी की भारी मांग बनी रहती है. सीकर के खेतों में तैयार गोभी जयपुर की मंडियों में भी जाती है.

किसान भागीरथ सैनी ने बताया कि पारंपरिक फसलों के मुकाबले फूल गोभी की खेती करना बहुत आसान है. इसके अलावा कम समय में इसमें मुनाफा भी अच्छा मिलता है. उन्होंने बताया कि इसकी खेती के लिए एक बीघा खेत के लिए करीब दो से तीन हजार रुपए की लागत में पौध तैयार की जाती है. एक क्यारी की पौध एक बीघा खेत में लगाई जाती है. इसके बाद सिंचाई और देखभाल से प्रति बीघा बीस से तीस क्विंटल तक उपज मिल जाती है. शुरुआत में मंडियों में गोभी के दाम 40 से 50 रुपए किलो तक मिल जाते हैं, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है.

सीकर जिले के फूल गोभी की मांग अब लगातार बढ़ती जा रही है. यहां की जलवायु और मिट्टी की गुणवत्ता के कारण इस क्षेत्र की गोभी स्वादिष्ट और लंबे समय तक ताजा रहती है. सब्जी व्यापारी कैलाश ने बताया कि सीकर के नीमकाथाना के आस-पास में उगाई गई फूल गोभी की उपज दिल्ली, गुरुग्राम, हिसार और सीकर की प्रमुख मंडियों तक भेजी जाती है. इससे किसानों को स्थानीय स्तर पर ही अच्छा बाजार मिल जाता है.

गोभी की खेती के लिए कृषि विभाग के सहयोग से नई तकनीकें किसानों तक पहुंचाई जा रही है, जिससे उत्पादन लागत घटाने में मदद मिल रही है. वहीं, किसानों का कहना है कि अगर सरकार की ओर से सब्सिडी पर उन्नत किस्म के बीज और उचित दर पर खाद-बीज उपलब्ध कराया जाए, तो उत्पादन में और बढ़ोतरी संभव है. इसके साथ ही सब्जियों को समर्थन मूल्य मिलने से किसानों की आर्थिक सुरक्षा और बढ़ेगी.

युवा किसान जतिन किशोर ने बताया कि लगातार इस खेती में मुनाफे के बाद वे अब आधुनिक तकनीक से खेती में कदम रख रहे हैं. वे ड्रिप सिंचाई, जैविक खाद और मल्चिंग तकनीक का उपयोग कर अधिक गुणवत्ता वाली गोभी का उत्पादन कर रहे हैं. इससे उनकी फसल बाजार में ऊंचे दामों पर बिक रही है. इससे क्षेत्र के युवाओं में खेती के प्रति नया उत्साह देखने को मिल रहा है. ऐसे में अब सीकर जिले में फूल गोभी की खेती का रकबा हर वर्ष बढ़ रहा है.

किसान अब पारंपरिक खेती से हटकर सब्जियों, फूलों और फलों की ओर रुख कर रहे हैं. कम लागत और अधिक लाभ देने वाली यह खेती किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही है. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिल रही है और सीकर अब सब्जी उत्पादन में प्रदेश के अग्रणी जिलों में गिना जाने लगा है. ऐसे सीकर मीठे प्याज और खीरे के अलावा गोभी की खेती में नया हब बनाता जा रहा है.
First Published :
November 15, 2025, 10:18 IST
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सीकर का यह इलाका बना फूल गोभी का नया हब, लाखों में मुनाफा कमा रहे किसान



