Rajasthan

This breed of buffalo is called black gold… Know from the dairy operator what is its specialty

सोनाली भाटी/जालौर:- पश्चिमी राजस्थान के जालौर जिले की देशी मुर्रा भैंसों की एक प्रमुख दुधारू नस्ल है. भारतीय किसानों व डेयरी संचालको के लिए मुर्रा भैंस का उत्पादन और उपयोग विशेष महत्व रखता है. मुर्रा भैंस भारत के लगभग सभी राज्यों में उपलब्ध है. मुर्रा भैंस मुख्यत: राजस्थान, हरियाणा के रोहतक, करनाल, हिसार, पंजाब और दिल्ली जैसे इलाकों में देखी जाती है. मुर्रा भैंस अपने श्रेष्ठ दुग्ध उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. भारत की सबसे अधिक दूध देने वाली भैंस की नस्ल “मुर्रा” है, इसलिए इसे काला सोना भी कहा जाता है.

अगर गाय की बात करें, तो साहीवाल नस्ल भारत की देशी नस्लों में सबसे अधिक दुध उत्पादन करने वाली नस्ल है. जालौर के डेयरी संचालक मोईन खान ने लोकल 18 को बताया कि पश्चिमी राजस्थान के देशी मुर्रा भैंस की ये खासियत है कि ये शुष्क वातावरण की भैंस है, जिससे ये किसी भी तरह के वातावरण में रह सकती हैं और ये लम्बे समय तक दुध देती हैं.

मुर्रा भैंस की पहचानमुर्रा भैंस की पहचान के लिए इसके रंग, सींग, सिर, कान, गर्दन, थन, पूंछ आदि के विशेषताओं का ध्यान रखा जाता है. इसका रंग काला स्याही होता है, सींग जलेबीनुमा होती है, सिर हल्का और छोटा होता है, कान छोटे और पतले होते हैं, गर्दन मादा में लंबी और पतली होती है, पूंछ लंबी होती है और हॉक जोड़ के नीचे लटकी रहती है.

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मुर्रा भैंस की कीमतमुर्रा भैंस की कीमत शुद्ध नस्ल की मुर्रा भैंस के लिए 80,000 रुपए से 3,00,000 रुपए तक हो सकती है. सामान्य नस्ल की मुर्रा भैंस की कीमत औसतन 50,000 रुपए से 1,50,000 रुपए तक होती है. मुर्रा भैंस औसतन 1680 – 2000 किलोग्राम दूध का उत्पादन करती है. दिन के दौरान इस नस्ल की भैंस 12 से 15 लीटर दूध देती है.

Tags: Animal Farming, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : June 20, 2024, 17:13 IST

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