किसानों के लिए खास है गाय की यह नस्ल, बंपर कमाई के साथ घर में आएगी सुख-समृद्धि-This cow is special for the farmers, it will bring happiness and prosperity to the house along with bumper earnings

बाड़मेर. पशुपालन की बात की जाए तो आज भी हमारे देश की ज्यादातर आबादी दुधारू पशुओं पर ही निर्भर है. दुधारू पशुओं का खान-पान और रखरखाव आसान होने के साथ ही इनसे कमाई भी खूब होती है. गाय की कांकरेज नस्ल देश की सबसे लोकप्रिय गायों में से एक मानी जाती है क्योंकि गाय की यह नस्ल दूध देने के साथ-साथ खेती-बाड़ी के कार्यों को भी सरलता से पूरा करती है. यह गाय एक ब्यांत में औसतन 1800 लीटर तक दूध देती है.
कांकरेज एक भारतीय गाय की नस्ल है. कांकरेज एक ज़ेबू मवेशी की नस्ल है, जो भारत में पूर्वोत्तर गुजरात राज्य में बनासकांठा जिले के कांकरेज क्षेत्र में आयी हुई है. इस गाय की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है. यह उच्च तापमान को आसानी से सहन कर लेती हैं. कांकरेज गाय को खास तौर पर गुजरात और राजस्थान के पशुपालकों के द्वारा पाला जाता है.
कांकरेज नस्ल की यह है विशेषताएंकांकरेज गाय की नस्ल का रंग सिल्वर ग्रे या स्टील ग्रे होता है. कांकरेज गाय का वजन 320 से 370 किलोग्राम तक होता है. इस गाय का दूध सुपाच्य होता है. इस नस्ल की गाय गुजरात व राजस्थान में अधिक पाली जाती हैं. इसके सींग दिखने में लंबे और काफी मजबूत, नुकीले और वीणा के आकार के होते हैं जो किसी को भी आसानी से चोट पहुंचा सकते हैं.इस गाय की लंबाई करीब 125 सेमी होती है.
एक ब्यात में देती है 1800 लीटर दूधकांकरेज नस्ल की गाय एक ब्यात में लगभग 1600 से 1900 लीटर दूध दे सकती है. साथ ही यह गाय रोजाना 10 से 15 लीटर दूध आसानी से दे सकती है. इस गाय के दूध में 4.5 प्रतिशत फैट की मात्रा पाई जाती है. कांकरेज गाय की कीमत बाजार में 20 हजार से 80 हजार रुपए तक होती है. साथ ही इस नस्ल की गाय की कीमत अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग होती है.
कांकरेज नस्ल की गाय को यह दे आहारकांकरेज नस्ल की गाय को हरे चारे के साथ संघ सूखा चारा भी खिलाना आवश्यक होता है. हरे चारे की मात्रा 20 से 25 किलो और सूखे चारे की मात्रा 5 से 7 किलो प्रर्याप्त होता है. इसके अलावा इस गाय को मक्की, जई, पराली और दूर्वा भी खाने को दे सकते हैं. साथ ही खली, सोयाबीन जैसी खाद्य सामग्री भी खाने को दे सकते है.
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FIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 20:27 IST