Rajasthan

किसानों के लिए एटीएम से कम नहीं है यह फसल, कम लागत में होगी लाखों की कमाई, जानें खेती के ट्रिक्स

नागौर. ज्वार की खेती कम लागत वाले मॉडलों के कारण नागौर में बड़ी मात्रा में होती है. इसकी खेती में कम पानी की आवश्यकता होती है. इसके अलावा कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन प्राप्त होता है. नागौर मंडियों में ज्वार की औसत कीमत लगभग 2,100 से 2,210 प्रति क्विंटल रहती है, जिससे फसल बेचने पर किसानों को जो गेहूं जैसी फसलों के मुकाबले अच्छी आमदनी मिलती है. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट बजरंग सिंह ने बताया नागौर की मिट्टी व मौसम ज्वार की खेती के लिए अनुकूल है.

उन्होंने बताया कि इस फसल में पानी की कम आवश्यकता होती है, इसलिए सूखे के जोखिम वाले साल में यह खेती फायदे का सौदा है. इसकी खेती के साथ किसान यदि  बीज और पैकेज्ड प्रैक्टिस बनाकर भी मार्केट में सप्लाई कर सकते हैं, तो किसानों को डबल इनकम प्राप्त होगी. यही कारण है कि नागौर क्षेत्र में बड़ी मात्रा में किस ज्वार की फसल को अधिक प्राथमिकता देते हैं. ज्वार खाने के साथ-साथ एक औषधि फसल भी है.

खेती के दौरान इन बात का ध्यान रखें

एग्रीकल्चर एक्सपर्ट बजरंग सिंह ने बताया कि ज्वार की खेती के दौरान सही बीजों का चयन बहुत जरूरी है. इसके अलावा समय पर बुवाई, रोग-कीट पर नजर और सिंचाई-खर्च का प्रबंधन जरूरी है. अगर किसान इस पारंपरिक फसल की खेती आधुनिक तरीके से करते हैं तो मुनाफा और भी अधिक मिल सकता है. खास बात यह है कि इस फसल में पानी की कम जरूरत होती है. ऐसे में किसान फार्म पॉन्ड बनाकर इसकी खेती आसानी से कर सकते हैं. इस दौरान किसान बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली का भी उपयोग कर सकते हैं. इस विधि को अपनाकर किसान ज्वार के साथ-साथ अन्य कंपनी वाली फसलों को भी उपजा सकते हैं.

एटीएम से कम नहीं है ज्वार की खेती

एग्रीकल्चर एक्सपर्ट के मुताबिक, नागौर का ज्वार नजदीकी बड़े बाजारों जैसे जोधपुर व अन्य राजस्थानी मंडियों में खरीदा जाता है. फीड मिल और प्रोसेसिंग यूनिटों की भी मांग रहती है. ऐसे में किसान के लिए ज्वार की खेती किसी एटीएम से काम नहीं है. इसकी खेती करने पर अगर उत्पादन सही प्राप्त होता है तो एक बार में ही लाखों रुपए की कमाई होती है. कम मेहनत, कम जगह और कम पानी के अंदर यह खेती किसानों के लिए किसी वरदान से काम नहीं है.

सेहत से लेकर उद्योग तक फायदेमंद ज्वार

ज्वार न सिर्फ किसानों के लिए फायदेमंद फसल है, बल्कि इसके कई उपयोग भी हैं. इसका आटा रोटियां बनाने में काम आता है, जो ग्लूटेन-फ्री और डायबिटीज रोगियों के लिए लाभकारी होता है. ज्वार में आयरन, प्रोटीन और फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जिससे यह शरीर को ऊर्जा देता है. पशुओं के चारे में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, औद्योगिक स्तर पर ज्वार का उपयोग एथेनॉल, बीयर और बायोफ्यूल बनाने में किया जाता है. ग्रामीण इलाकों में इसकी भूसी जलाने और बायोगैस बनाने के काम आती है.

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