जिस जगह पर था घना जंगल आज वहां मछली के रूप में विराजमान हैं भगवान विष्णु, जानें मान्यता

दौसा : दौसा जिले में जंगल के पास एक मंदिर है जिसे भगवान विष्णु का मंदिर कहा जाता है. इस मंदिर में मछली के रूप में भगवान विष्णु की पूजा होती है. इस मंदिर में धोक लगाने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं. आइए जानते हैं इस मंदिर के बनने की कहानी.
2004 में इस मंदिर का निर्माण बरदाडा निवासी बसंत लाल मीणा के द्वारा हुआ था. पुजारी जगदीश के अनुसार, पहले इस स्थान पर बड़ा जंगल था जहां लोग बकरी और गाय भैंस चराने आते थे. फिर मीणा शिमला गांव के लोगों के सहयोग से यह मंदिर तैयार हुआ. इस स्थान पर सात पीपल के पेड़ थे, इसलिए इसे “सात पिपली” के नाम से भी जाना जाता है.
मीन भगवान मंदिर में भगवान विष्णु की मछली के रूप में पूजा होती है. पुजारी का दावा है कि यह मीन अवतार है और जब महाप्रलय हुई थी, तब विष्णु भगवान ने मछली का रूप धारण कर मनु और सप्त ऋषियों को सुरक्षित किया था. इस पौराणिक कथा के आधार पर यहाँ भगवान विष्णु की पूजा मछली के रूप में की जाती है.
मंदिर में मौजूद हैं यह मूर्तियांयहां सच्चे मन से मन्नत करने वाले श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी होती है. श्रद्धालु मिश्री और किशमिश का भोग लगाते हैं और बड़ी संख्या में रोज़ाना पूजा अर्चना करने आते हैं. मंदिर में भगवान गणेश, महादेव, सरस्वती, शनिदेव और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं.
नेता भी आते हैं करने दर्शनमंदिर के पुजारी जगदीश बताते हैं कि जब भी कोई बड़ा नेता या चुनाव होता है, तो मीन भगवान के मंदिर में आकर ढोक लगाते हैं. उपराष्ट्रपति भैरव सिंह शेखावत, डॉक्टर किरोडी लाल मीना, पूर्व मंत्री रामकिशोर मीणा, पूर्व मंत्री ममता भूपेश और विधायक विक्रम सहित कई नेता इस मंदिर में आ चुके हैं और पूजा अर्चना कर चुके हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 29, 2024, 20:09 IST