दौसा के इस किसान ने वर्गी कंपोस्ट से बदली किस्मत, जैविक खेती से कमा रहे है लाखों रुपये

Last Updated:April 25, 2025, 08:00 IST
किसान सुभाष शर्मा ने बताया कि कृषि विभाग के द्वारा वर्गी कंपोस्ट की जानकारी प्राप्त की और उसके बाद वर्गी कंपोस्ट लगाने का कार्य किया वर्गी कंपोस्ट के लिए सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है. वर्गी कंपोस्ट के माध…और पढ़ेंX
किसान के द्वारा तैयार किए गए केंचुए
दौसा जिले में अनेक ऐसे किसान है जो कृषि विभाग से प्रेरित होकर नए-नए कार्य कर रहे हैं.कृषि विभाग के सहयोग से वह लगातार कार्य करते जा रहे हैं. ऐसे ही एक किसान है जो सिकराय उपखंड क्षेत्र के फर्राशपुरा गांव के रहने वाले हैं जो केंचुए तैयार कर उन्हें बेचते हैं. अपनी खेती में भी उपयोग लेते हैं जिससे कई प्रकार के फायदे हो रहे हैं.अब तक हजारों रुपए के केंचुए वह बेच चुके हैं.
किसान सुभाष शर्मा ने बताया कि कृषि विभाग के द्वारा वर्गी कंपोस्ट की जानकारी प्राप्त की और उसके बाद वर्गी कंपोस्ट लगाने का कार्य किया वर्गी कंपोस्ट के लिए सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है. वर्गी कंपोस्ट के माध्यम से केंचुए तैयार किया.उनसे हमें बहुत लाभ हुआ है. इसके माध्यम से किसानों को भी बहुत लाभ होता है.
60 से 70 दिन में तैयार होते हैं केंचुए जैविक खेती करने के लिए वर्गी कंपोस्ट इकाई स्थापित करना बहुत जरूरी होता है जिसके माध्यम से केंचुए कंपोस्ट में रखकर उन्हें तैयार की प्रक्रिया शुरू की जाती हैं. केंचुए तैयार करने के लिए लगभग 60 से 70 दिन का समय लगता है.जिसके बाद केंचुए को खेतों में डाला जाता है.केंचुए खेत में डालने के बाद अनेक प्रकार के लाभ भी किसान को मिलते हैं. किसान सुभाष शर्मा ने बताया कि किसान के खेती की जो जमीन होती है जिसमें केंचुए डालें के बाद उर्वरक क्षमता बढ़ती है खाद्यान्न उत्पादन भी महंगे दामों में बाजार में बिकते हैं. और भूमि में जलधारण शक्ति भी अधिक हो जाती है. इस पद्धति से पर्यावरण भी प्रदूषण नहीं होता है और इसमें कम लागत आती है और मुनाफा अधिक किसान को होता है. और यह खाद दीमक के प्रकोप को हुई कम कर देता है.
इस तरह से बेचे जाते हैं केंचुए और खाद किसान सुभाष शर्मा ने बताया कि कृषि विभाग के सहयोग से यह वर्गी कंपोस्ट इकाई संचालित की जा रही है और इस में तैयार होने वाले केंचुए और खाद को या तो दुकानों पर बेच दिया जाता है या फिर घर से पर भी किसान आ कर आसानी से खरीदारी कर ले जाते हैं. यहां से किसानों को 125 रुपए के दर से केंचुए बेचे जाते हैं.अब तक किसान ने करीब 700 किलो केंचुए की बिक्री की है. जिससे किसान ने अब तक 87 500 के केंचुए बेच दिए हैं.
अन्य किसानों को भी तैयार करना चाहिए वर्गी कंपोस्ट किसान सुभाष शर्मा ने बताया कि वर्गी कंपोस्ट की इकाई आसानी से घर पर किस संचालित कर सकता है जिससे अनेक प्रकार के खेती के लिए फायदे हैं. क्षेत्र के किसानों को यह वर्गी कंपोस्ट की इकाई का संचालन करना चाहिए जिससे खुद किसान को तो फायदा होता ही है लेकिन अन्य किसानों को भी फायदा होता है. जिससे किसानों को खेती में अच्छा मुनाफा होता है और महंगे दामों में किसानों की फसल की बिक्री होती है.
Location :
Dausa,Rajasthan
First Published :
April 25, 2025, 08:00 IST
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इस किसान ने वर्गी कंपोस्ट से बदली किस्मत, जैविक खेती से कमा रहे है लाखों रुपये