Rajasthan

12 महीने खिलता है यह खुशबूदार फूल, देवी देवताओं को भी है खूब पसंद, घर में इस तरह लगाए पौधा

जयपुर: जब बात फूलों की खुशबू की होती है, तो चांदनी के फूलों का नाम प्रमुखता से लिया जाता है. सफेद रंग के खूबसूरत इस पौधे को चांदनी, रातरानी और चमेली के नामों से भी जाना जाता है. इस पौधे के फूलों में आमतौर पर छह से सात पंखुड़ियां होती हैं और खास बात यह है कि ये फूल पूरे साल खिले रहते हैं. चांदनी के फूल सजावट, देवी-देवताओं के पूजन और महिलाओं के गजरे के लिए व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं.

चांदनी का पौधा कैसे लगाएंगार्डनिंग एक्सपर्ट रमेश कुमार के अनुसार, चांदनी के पौधे को सीधे मिट्टी में या गमले में लगाया जा सकता है. पौधे को लगाने के लिए कोकोपीट और खाद को मिलाकर गमले में डालें. फिर पौधे को पॉलिथीन से अलग कर गमले की मिट्टी में दबा दें और इसे आधी धूप-आधी छांव में रखें. थोड़े ही दिनों में पौधा बढ़ने लगेगा.

चांदनी के आयुर्वेदिक फायदे1. सिरदर्द में राहत: चांदनी के पौधे से निकलने वाला दूध, तेल में मिलाकर सिर पर लगाने से सिरदर्द और आंखों के दर्द में राहत मिलती है.2. पेट की कीड़ों के लिए फायदेमंद: चांदनी की छाल को पीसकर पेस्ट बना कर, 1-2 ग्राम का सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते हैं.3. उच्च रक्तचाप नियंत्रण: चांदनी के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से उच्च रक्तचाप में राहत मिलती है.

धार्मिक लाभ और आध्यात्मिक महत्वधर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण के अनुसार, चांदनी के फूल का कई धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. इनका उपयोग देवी-देवताओं की पूजा में किया जाता है और यह अपने सुगंध और सौंदर्य के लिए अत्यधिक प्रिय हैं. चांदनी के फूल में सकारात्मक ऊर्जा होती है, जो ध्यान और साधना में सहायक होती है.

इसके अलावा, चांदनी के फूलों को घर में रखने से सुख, शांति और समृद्धि आती है. ये धार्मिक अनुष्ठानों में भी शामिल किए जाते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार, चांदनी के फूल घर के वातावरण को शुद्ध करते हैं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं.

Tags: Jaipur news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : September 27, 2024, 17:53 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj