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एसिडिटी और एनीमिया से छुटकारा दिला सकती है यह घास, घर के आसपास ही मिल जाएगी, ऐसे करें इस्तेमाल – Uttar Pradesh News

Last Updated:October 28, 2025, 23:17 IST

Doob Ghaas Benefits: एक ऐसी हरी घास, जो कही भी उग जाती है. इसके बिन हर पूजा पाठ अधूरा रहता है. लेकिन क्या आप जानते है, यह दूब यानी दूर्वा घास न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि कई औषधिय गुणों का खजाना भी है. इसके सही सेवन से अनेकों बीमारियां दूर हो सकती है. घास भी कारगर

घास जिसे दूब या दुर्वा भी कहा जाता है. यह एनीमिया से पीड़ित लोगों के लिए लाभकारी है. क्योंकि यह लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाती है. इसकी जड़ का काढ़ा या मिश्री के साथ रस पीने से पेशाब में जलन और खून आने की दिक्कतें दुर होती हैं.

बवासीर और मानसिक स्वास्थ्य

राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया की चिकित्साधिकारी पांच साल अनुभवी डॉ. वंदना उपाध्याय (एमडी मेडिसिन) ने कहा कि, दूब को दही के साथ खाने या इसका लेप लगाने से बवासीर में आराम मिलता है. नियमित सेवन तनाव और अनिद्रा जैसी मानसिक समस्याओं को भी कम कर सकता है.

पाचन में मददगार

दूब के रस का सेवन करने से पाचन तंत्र बेहतर होता है. इसे नियमित पीने से कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी कई बीमारियां दूर रहती हैं. कहने का मतलब यह है कि दूब एक साधारण घास नहीं, बल्कि कई रोगों का इलाज हैं.

त्वचा रोग में लाभ

इसमें प्राकृतिक तत्व होते हैं, खुजली, जलन और चकत्तों को दूर करने में मदद करते हैं. हल्दी के साथ इसका पेस्ट बनाकर लगाने से त्वचा स्वस्थ, चमकदार और सुंदर बनती हैं.

ब्लड शुगर और इम्युनिटी

इसका सबसे बड़ा असर तो यह है कि दूब का रस रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में रामबाण साबित हो सकता है. इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी पावर को भी बढ़ाने में सक्षम हैं.

कैसे करें इस्तेमाल?...

स्वच्छ और ताज़ी दूब का रस निकालकर उसमें शहद या मिश्री मिलाकर सेवन जा सकता है. इसका हल्दी के साथ पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगायह जा सकता हैं. इसके अलावा, इसका काढ़ा यानी चाय अथवा पाउडर का उपयोग किया जा सकता हैं.

धार्मिक मान्यता

दूब न केवल औषधीय गुणों से भरपूर है, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण हैं. आचार्य पंडित राजकुमार ने कहा कि, भगवान गणेश का पूजा दूब के बगैर संपन्न नहीं होता है. इसकी आवश्यकता शादी-विवाह से लेकर छोटे बड़े हर अनुष्ठान में पड़ता है.

सावधानी भी जरूरी

यह एक साधारण नहीं, बल्कि संजीवनी सामान घास है. जिसका उपयोग अगर औषधिय लाभ लेने के लिए आप कर रहे हैं, तो बगैर आयुर्वेद एक्सपर्ट से सलाह लिए न करें, क्योंकि किन्हीं परिस्थितियों में हानिकारक भी सिद्ध हो सकती है. इसका उम्र और बीमारी के हिसाब से सही डोज और तरीका एक एक्सपर्ट ही बता सकता है.

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October 28, 2025, 23:17 IST

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