Rajasthan

सिर्फ इसी पार्क में मिलती है यह घास, विदेशी पक्षियों की है पहली पसंद, हजारों किलोमीटर सफर तय कर आते हैं यहां

भरतपुर : भरतपुर के विश्व प्रसिद्ध केवलादेव नेशनल पार्क में पाई जाने वाली ऐचा घास अपनी विशेषताओं के कारण विदेशी पक्षियों की पहली पसंद है. यह ऐचा घास न केवल पक्षियों के लिए भोजन का महत्वपूर्ण स्रोत है. बल्कि इसकी खास बात यह है कि यह घास भरतपुर के विश्व प्रसिद्ध केवलादेव नेशनल पार्क में ही पाई जाती है. जिसे खाने के लिए हर साल हजारों किलोमीटर का सफर तय करके साइबेरिया और अन्य ठंडे देशों से आने वाले प्रवासी पक्षी जैसे साइबेरियन क्रेन और अन्य जलपक्षी इसी घास को खाने आते है.

विदेशी पक्षी इस ऐचा घास को काफी अधिक पसंद करते हैं. और इस घास को खाने आते है. इस ऐचा घास की खासियत यह है कि यह गीले और दलदली क्षेत्रों में उगती है और इसमें पौष्टिक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. जो इन पक्षियों के लिए काफी फायदेमंद की होती है. यह घास न केवल पक्षियों के लिए बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसी कारण केवलादेव नेशनल पार्क को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला है.

इस घास की अनोखी बात यह है कि इस घास का अस्तित्व सिर्फ भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क तक ही सीमित है. जो इसे और भी खास बनाता है. इस घास के संरक्षण के लिए पार्क प्रशासन विशेष प्रयास करता है. ताकि प्रवासी पक्षी हर साल यहां आये और इस क्षेत्र की जैव विविधता को बनाये रखे ऐचा घास भरतपुर के पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग और पर्यावरण के क्षेत्र में अद्वितीय स्थान प्रदान करती है. अब यह घास भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क में काफी अधिक उग रही है. क्योंकि इस बार केवलादेव नेशनल पार्क में पानी की अधिक आवक के चलते यह घास चारों तरफ दिखाई दे रही है. इस घास की लंबाई लगभग 2 से 3 फुट होती है. जो अधिक पानी और दलदली क्षेत्र में उगती है. यह घास केवलादेव नेशनल पार्क के लिए प्रकृति की अद्भुत देन है.

FIRST PUBLISHED : November 27, 2024, 15:52 IST

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