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यह है सबसे तेज गति से बढ़ने वाला पेड़, इसकी लकड़ी से बनते हैं बच्चों के खिलौने, किसानों का भी है दोस्त

जयपुर. सबसे हल्की लकड़ी वाला अरडू का पेड़ सबसे जल्दी बढ़ने वाला पौधा है. यह रेतीले शुष्क क्षेत्र में किसानों के लिए सहायक फसल के रूप में उगने वाला पेड़ होता है. अरडू का पौधा बहुत जल्दी ही विशाल पेड़ बन जाता है. उसकी पत्तियां अंडेकार हरे वर्ण की होती है. इसकी लकड़ी हल्की होने के कारण इसका उपयोग खिलौने और प्लाई बनाने में काम में ली जाती है. यह पेड़ 4-6 साल में ही बढ़कर विशालकाय हो जाता है.

घर पर कैसे लगाए अरडू का पौधाअरडू पेड़ लगाने के लिए धूप वाली जगह का चयन करना चाहिए. इसके लिए सबसे पहले निश्चित आकार का गड्ढा खोदकर उसमें कार्बनिक पदार्थ या खाद डालकर मिट्टी को तैयार कर ले. पौधे को मिट्टी में दबाकर और फिर चारों ओर मिट्टी की ठोस आकार की दीवार बना दे. पौधे को धूप में नमी बराबर मिलनी चाहिए फिर पानी देते रहे. 4 से 6 साल में अरडू का पेड़ बड़ा पेड़ बनाकर तैयार हो जाता है.

अरडू के फ़ायदे खिलौने बनाने में उपयोगी: अरडू की लकड़ी मुलायम होती है और आसानी से मनचाही आकृति ले लेती है. इसलिए इसका इस्तेमाल खिलौने बनाने,प्लाई, बिजली के बॉक्स, और फ़र्नीचर बनाने में किया जाता है.

पशु चारे के रूप में उपयोग: अरडू के पत्तों को गाय-भैंस और बकरियों को खिलाया जाता है. इससे इनका दूध बढ़ता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.

आसानी से रोपण होने वाला पौधा: अरडू के पेड़ की देखभाल कम होती है और पानी भी कम लगता है. ड्रिप सिंचाई से हफ़्ते में एक बार पानी देना होता है. यह आसानी से रोपण हो जाता है.

फसलों के साथ भी उगाया जा सकता है यह पेड़ आपको बता दें कि अरडू के पेड़ के बीच खाली जगह में दूसरी फ़सलें भी उगाई जा सकती हैं. किसान सहायक पेड़ों के रूप में अरडू का उपयोग कर सकता है. इससे तेज हवा चलने की स्थिति में फसल का बचाव होता है. पकी हुई फसल को आड़ी नहीं पड़ने देता है.

आयुर्वेद में अरडू का है महत्वपूर्ण स्थान आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि अरडू के अनेकों आयुर्वेदिक उपयोग हैं. अरडू का सेवन पाचन को सुधारने में मदद करता है और अपच, गैस और अन्य पाचन समस्याओं में फायदेमंद होता है. इसे वजन घटाने के लिए उपयोग किया जाता है, क्योंकि यह कम कैलोरी वाला और फाइबर से भरपूर होता है. इसका सेवन रक्त को शुद्ध करने में सहायक माना जाता है, जो त्वचा की समस्याओं में राहत देता है.

आयुर्वेद में इसे वात दोष को संतुलित करने में उपयोगी माना जाता है, जिससे जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है. अरडू का सेवन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. इन उपयोगों के कारण अरडू आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है.

Tags: Bihar News, Jaipur news, Local18

FIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 22:27 IST

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