This local fruit has the power to obtain nectar, Goddess Lakshmi offers the fruit.

बीकानेर:- दीपावली पर धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करना एक प्रमुख परंपरा है और यहां बीकानेर शहर में इसे एक विशेष तरीके से मनाया जाता है. इस पूजा के दौरान महिलाएं मतीरा नामक एक फल की पूजा करती हैं, जो इस समय बाजारों में बहुत प्रसिद्ध होता है. मतीरा फल दीपावली के समय ही बीकानेर के बाजार में आता है और लोग इसकी खरीदारी करते हैं. यह फल इस त्योहार के अवसर पर बहुत महत्वपूर्ण होता है और बीकानेर जिले में इसकी खेती विशेष रूप से बढ़ चुकी है. इसके फलस्वरूप, बीकानेर के मतीरा अन्य शहरों तक भेजे जाते हैं और यह त्योहार की परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है.
पंडित युगल नारायण रंगा ने लोकल 18 को बताया कि मतीरे का उत्पादन इस ऋतु में बहुतायात होता है और दीपावली पूजन के दौरान इन्हे ऋतुफल के रूप में उपयोग किया जाता है. यहां पहले बाहर से कोई फल नहीं आते थे. मतिरा चन्द्रमा का प्रतीक है और ये अमृत तत्व प्राप्त करने की ताकत होती है. इन दिनों यह बाजार में 30 रुपए किलो बेचा जा रहा है.
हर साल किया जाता है तैयारस्थानीय स्तर पर इन फलों की उपलब्धता के कारण पूर्व में इनके पूजन की परंपरा चली आ रही है और यह राजासर क्षेत्र में ख़ास रूप से प्रसिद्ध है. मतीरे के बीजों को फसलों के साथ बोया जाता है और इन्हें हर साल बड़ी मात्रा में तैयार किया जाता है, जिन्हें बाजारों में बेचा जाता है. इस बार मतीरे की फसल उत्तर्दायी और भदां के साथ भी अधिक पॉपुलर है. ये मीठे होते हैं और लोगों द्वारा अधिक पसंद किए जाते हैं. जो मतीरे मोठ और बाजरे के साथ उगाए जाते हैं, वे ग्वार के साथ उगाए जाने वाले मतीरों की तुलना में अधिक मीठे होते हैं.
ये भी पढ़ें:- ‘हाय हेलो छोड़ो, हरे कृष्णा बोलो’, 4 साल के इस बालक का अनोखा आध्यात्मिक ज्ञान, लोग सुनकर रह जाते हैं अचंभित
पूजन और नैवेद्य में भी इस्तेमालदेवी-देवताओं के पूजन की पद्धतियों में षोडशोपचार पद्धति प्रमुख है. इसमें सोलह प्रकार की सामग्रियों के साथ पूजन का विधान शास्त्रों में मिलता है. षोडशोपचार पूजन में देवी-देवताओं के पूजन और नैवेद्य अर्पित करने के साथ ऋतुफल को भी विशेष महत्व दिया जाता है. श्रद्धालु लोग विशेष भाव और मंत्रोचार के बीच देवी-देवताओं के ऋतुफल को अर्पित करते हैं.
Tags: Health News, Local18, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : October 17, 2024, 12:00 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.