This machine installed in the ration shop will prevent dealer irregularities, ration will have to be given as per the fixed weight, read the full news. – News18 हिंदी

रिपोर्ट – राहुल मनोहर
सीकर. गरीबों के राशन में गड़बड़ी करने वाले अब सावधान हो जाएं. उनका घोटाला अब और नहीं चलेगा. राजस्थान में सरकारी राशन दुकानों पर सारी माप तौल मशीनों से ही होगी और इन मशीनों को इतना हाईटेक किया जा रहा है कि जरा सा भी कम या ज्यादा राशन होने पर मशीन सामान को तौलेगी ही नहीं.
राशन की दुकानों पर अब तोल में गड़बड़ी नहीं हो सकेगी. रसद विभाग ने सभी राशन डीलर को सख्त निर्देश दिए हैं कि गेहूं, अनाज, चीनी सहित सभी खाद्यान वितरण पॉस मशीनों से ही किया जाए. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत खाद्यान्न की कालाबाजारी रोकने के लिए ये व्यवस्था की गयी है. इससे ना केवल आमजन को पूरा तौल मिल सकेगा बल्कि राशन की चोरी भी नहीं हो सकेगी.
पॉस मशीनों से जुड़ेंगे तराजू
रसद विभाग की ओर से इसके लिए सभी उचित मूल्य दुकानों की पॉस मशीनों को डिजिटल वेट मशीनी (ई-तराजू) से जोड़ा जा रहा है. ये काम युद्ध स्तर पर जारी है. उपभोक्ताओं को तय समय पर पूरे तौल के साथ सामग्री मिलेगी. हर राशन डीलर को पॉस मशीन को जोड़ा जाएगा. इससे ना तो कम और ना ही ज्यादा रसद सामग्री उपभोक्ता को मिल सकेगी.
गड़बड़ी करने पर नहीं निकलेगी रसीद
अगर राशन डीलर ने किसी भी उपभोक्ता को कम राशन सामग्री देने की कोशिश भी की तो पॉस मशीन उसका साथ नहीं देगी. यानि मशीन वहीं अटक जाएगी. वो रसीद ही नहीं देगी. इसी प्रकार एक ग्राम भी अधिक तौल आने पर भी पॉस मशीन पर्ची नहीं देगी. कांटे पर निर्धारित वजन होने पर ही पॉस मशीन से पर्ची निकलेगी और कांटे पर रसद सामग्री की तुलाई होगी. अभी राशन की दुकानों पर राशन लेने के लिए पॉस मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद कार्डधारक सामान लेते हैं. लेकिन पॉस मशीन से वेट मशीन को जोड़ने पर लाभार्थी को अंगूठे का निशान लगाने के बाद खाद्यात्र का लाभ मिलेगा.
राशन डीलरों की ट्रेनिंग
राजस्थान में अभी तक लगभग सभी दुकानों पर पॉस मशीन लग चुकी हैं. मशीन चलाने के लिए दुकानदारों को ट्रेंड किया जा रहा है. राशन की दुकानों पर होने वाली गड़बड़ियों की शिकायत के बाद यह निर्णय लिया गया है. राजस्थान में अभी 25542 राशन की दुकानें हैं, इनसे हर साल दो लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं बांटा जाता है.
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FIRST PUBLISHED : April 2, 2024, 12:00 IST