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एक्जिमा और सोरायसिस जैसी गंभीर बीमारियों खात्मा करता है यह जादुई पत्ता, इसके गुण देख कर रह जाएंगे हैरान

Agency: Bihar

Last Updated:February 23, 2025, 06:02 IST

आयुष चिकित्सक बताते हैं कि नीम में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. नीम में मौजूद तत्व त्वचा की जलन, खुजली और संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं.X
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इस पौधे के पत्ते में हैं जादुई गुण

हाइलाइट्स

नीम में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं.नीम का तेल एक्जिमा और सोरायसिस में मददगार है.नीम की पत्तियों का रस त्वचा को स्वस्थ बनाता है.

जमुई. नीम को भारतीय आयुर्वेद में चमत्कारी औषधि माना जाता है, जो कई तरह की बीमारियों के इलाज में उपयोगी साबित होता है. खासतौर पर त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए नीम बेहद फायदेमंद होता है. आयुष चिकित्सक डॉ रास बिहारी तिवारी बताते हैं कि अक्सर लोगों को इसके इन्फेक्शन संबंधित कई सारी परेशानियां होती हैं जिसमें एक्जिमा, सोरायसिस और फंगल इन्फेक्शन जैसी समस्याएं काफी आम है और इस तरह की परेशानियां को दूर करने में नीम का पत्ता काफी काम आ सकता है. आयुष चिकित्सक बताते हैं कि नीम में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. नीम में मौजूद तत्व त्वचा की जलन, खुजली और संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं. अगर सही तरीके से इसका उपयोग किया जाए तो यह त्वचा को साफ करने के साथ-साथ उसे गहराई से पोषण भी देता है.

आयुष चिकित्सक बताते हैं कि एक्जिमा और सोरायसिस जैसी बीमारियां आमतौर पर त्वचा की सूजन, खुजली और लाल धब्बों के रूप में नजर आती हैं. नीम का तेल इन समस्याओं को कम करने में बेहद मददगार साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि नीम के तेल को नारियल तेल में मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाने से त्वचा की सूजन कम होती है और खुजली से राहत मिलती है. इसके अलावा, नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी से नहाने से भी त्वचा की जलन और संक्रमण में सुधार आता है. नीम का सेवन भी त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है. रोजाना खाली पेट नीम की पत्तियों का रस पीने से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और त्वचा अंदर से स्वस्थ बनती है.

त्वचा में होने वाले इन्फेक्शन में भी मिलती है राहत आयुष चिकित्सक डॉ रास बिहारी तिवारी बताते हैं कि अक्सर गर्मी और नमी के कारण त्वचा पर फैलता है, उसे भी नीम की मदद से नियंत्रित किया जा सकता है. नीम की पत्तियों को पीसकर उसका पेस्ट बनाकर प्रभावित जगह पर लगाने से फंगस का विकास रुकता है और त्वचा तेजी से ठीक होने लगती है. नीम का तेल भी फंगल संक्रमण के लिए एक प्राकृतिक उपचार माना जाता है, क्योंकि यह त्वचा पर मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया और फंगस को खत्म करता है. नियमित रूप से नीम के पानी से प्रभावित जगह को धोने से भी संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है. हालांकि, अगर समस्या ज्यादा गंभीर हो तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है. प्राकृतिक रूप से त्वचा की देखभाल के लिए नीम एक बेहतरीन उपाय साबित हो सकता है.


Location :

Jamui,Jamui,Bihar

First Published :

February 23, 2025, 06:02 IST

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एक्जिमा और सोरायसिस जैसी गंभीर बीमारियों खात्मा करता है यह जादुई पत्ता

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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