Rajasthan

32 सालों से कई बच्चों राष्ट्रीय खेल के लिए तैयार कर रहा है ये नेशनल प्लेयर, फ्री में देते हैं ट्रेनिंग

कोटा राज. कोटा के 65 वर्षीय पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी श्याम बिहारी, जिन्होंने गोला फेंक और हैमर थ्रो में राजस्थान की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर खेला है, अब बच्चों को चार गेम्स इवेंट की निशुल्क कोचिंग दे रहे हैं. इन इवेंट्स में जैवलिन थ्रो, हैमर थ्रो, गोला फेंक, और तश्तरी फेंक शामिल हैं. श्याम बिहारी ने 19 साल की उम्र में खेल की शुरुआत की और लगभग 20 साल तक राजस्थान की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर अपने खेल का प्रदर्शन करते रहे.

बता दें कि श्याम बिहारी साल 1992 के बाद से लगातार कोटा में बच्चों को प्रशिक्षण देते रहे है. अब तक लगभग 150 खिलाड़ी तैयार कर चुके हैं. जिनमें से लगभग 40 खिलाड़ी सरकारी नौकरी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उनके खिलाड़ी जिले राज्य स्तरीय नेशनल प्रतियोगिताओं में अपना दमखम दिखा चुके हैं. श्याम बिहारी पेशे से किसान है.

नेशनल लेवल खेल रहे है इनके स्टूडेंटसश्याम बिहारी ने बताया कि उनकी उम्र 65 साल है और किसानी करते है पूर्व में वह गोला फेक हैमर थ्रो के पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं. 1992 से गेम को अलविदा कर बच्चों को ट्रेनिंग देने लगे जिनमे जैवलिन थ्रो, हैमर थ्रो, गोला फेक, तश्तरी फेक है. अब तक सैकड़ो बच्चों को प्रशिक्षण देकर एक अच्छे खिलाड़ी के रूप में तैयार कर चुके हैं. कई बच्चे ऐसे हैं जो की नेशनल लेवल खेल कर सरकारी नौकरियों में लग गए. उनके यहां कई ऐसे बच्चे भी हैं जो कि गरीब है आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है उन बच्चों के लिए भी अपने निजी जेब खर्च से साधन संसाधन उपलब्ध कराते हैं. खेल में उपयोग होने वाली कई चीज होती है जो की प्रशासन के पास मौजूद नहीं होती वह खुद अपनी जेब से लेकर आते हैं.

गरीब बच्चों की हमेशा करते हैं मददश्याम बिहारी ने बताया कि कई ऐसे बच्चे हैं जो महंगे शूज़ वगैरह नहीं खरीद सकते. ऐसे बच्चों के लिए श्याम बिहारी खुद अपने जेब खर्च और मित्रों की मदद से शूज़ खरीदकर उन्हें देते हैं. यही नहीं जब कोई खिलाड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने जाता है, तो अक्सर उन्हें अपने स्वयं के खर्चे से जाना होता है. ऐसे में कई खिलाड़ी यात्रा का खर्च नहीं उठा पाते. श्याम बिहारी ऐसे खिलाड़ियों की मदद के लिए आगे आते हैं और उन्हें आने-जाने का खर्च खुद देते हैं.

कोटा में बच्चों के लिए नहीं है सुविधाश्याम बिहारी ने बताया कि जैवलिन थ्रो, हैमर थ्रो, गोला फेक, तश्तरी फेक है. यह ऐसे खेल है जब भी इन्हें ग्राउंड में खेला जाता है तो वहां गड्ढे हो जाते हैं ऐसे में यहां क्रिकेट फुटबॉल के खिलाड़ी और कोच को आपत्ति होती है ऐसे में ग्राउंड के बाहर ही अपने बच्चों को तैयारी करवाते हैं.

Tags: Kota news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 13:54 IST

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