मुंह में छालों के बाद होने वाले कैंसर के लिए रामबाण है यह ओरल जेल, 10 हजार मरीजों को हो चुका फायदा

पाली. मुंह में होने वाला कैंसर आज लोगों के लिए नासूर बन चुका है. लोगों की गलत आदतों के चलते लगातार मुंह के कैंसर से पीडित मरीजों की संख्या राजस्थान में भी बढ़ती जा रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए जाने माने दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. वीडी जोशी और उनके पुत्र डॉ. आशीष जोशी ने एक ऐसी ऑरल जेल बनाई है जो मुंह के अंदर होने वाले छाले जो आगे जाकर कैंसर का रूप ले लेते है ऐसे छालों को जड़ से खत्म करने में यह दवा काफी कारगार साबित हो रही है, जिसका बकायदा भारत सरकार की तरफ से पेटेंट भी हो चुका है. अब यह दवाई देश ही नही बल्कि विदेशो में भी एक्सपोर्ट होगी, जिससे अब लोगो को राहत मिल सकेगी.
डॉक्टर वीडी जोशी की मानें तो राजस्थान कैंसर के लिहाज से देश के अंदर तीसरे स्थान पर है लिहाजा इसमें 40 प्रतिशत लोग अकेले मुंह के कैंसर से पीडित हैं. उन्हीं लोगों के लिए इस तरह की दवाई बनाई गई है ताकि समय रहते उनका इलाज हो सके और वह मुंह के कैंसर का शिकार न हों. अब तक वीडी जोशी 10 हजार मरीजों पर इस दवाइ का इस्तेमाल कर चुके है जिनको इस मुहॅं के कैंसर जैसे दर्द से राहत पहुंचा चुके है.
25 वर्षों की मेहनत के बाद बन पाई दवाईडॉ. वीडी जोशी ने लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि उनके पास दो साइंटिस्ट की टीम है जो जिन्होंने 25 वर्षों तक इसकी रिसर्च की तब जाकर हमने एक ऑरल जेल बनाया. जो व्यक्ति गुटखा खाता है और उसका मुंह बंद हो जाता है जिसके चलते वह कुछ खा या पी भी नहीं पाता. उनके मुंह को यह दवाई ठीक करने में कारगर साबित होती है. साथ ही ऐसे छाले जो ठीक नहीं होते जिसके चलते आगे जाकर वह कैंसर का कारण बन जाते हैं वह छाले भी इससे ठीक हो जाते है. इस दवाई का पेटेंट भारत सरकार की ओर से किया गया है. 10 हजार मरीजों पर इसका इस्तेमाल किया जा चुका है.
गांव-गांव जाकर लगा चुके हजारो कैंपआपको बता दें कि डॉ. वीडी जोशी 44 वर्षों से अधिक समय से लोगों की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने जब शुरूआती दौर में प्रैक्ट्रिस शुरू की थी तो देखा कि गांवों में लोग कैंसर के लिए जागरूक नहीं हैं. उन्होंने गांवों में कैंप इत्यादि भी लगाए ताकि लोगों को जागरूक कर सकें. हजारो कैंप वह लगा चुके हैं और लोगों को जागरूक भी कर चुके हैं ताकि उनके मुंह में होने वाला छाला कैंसर में कनवर्ट न हो जाए.
10 लोग छाले की वजह से कैंसर के शिकारजोशी का मानना है कि 30 से 40 प्रतिशत लोग खुद की आदतों की वजह से कैंसर से पीडित हैं और 10 प्रतिशत लोग ऐसे है जिनको कोई आदत नहीं होती. मगर छोटा सा छाला जो लाल हो जाता है और इस वजह से इस कंडिशन में आता जाता है कि 10 प्रतिशत लोगो मुहॅं में वह कैंसर का रूप ले लेता है. ऐसे में इस दवाई से कैंसर से बचा जा सकता है.
पिता ने 44 साल के सफर में लोगो को किया जागरूकवीडी जोशी के पुत्र डॉक्टर आशिश जोशी ने कहा कि पिता ने जो 44 साल का सफर पूरा किया है. इस सफर के चलते ही उन्होंने जो लोगों में जागरूकता फैलाई उसी का नतीजा है कि लोग स्वयं ही जागरूक है और अपने मुंह में होने वाले इस तरह के छाले के लिए पहले ही चेकअप करवाने आते है क्योंकि पहले लोगों में यह जागरूकता नहीं होती थी. हमने दवाई भी बनाई है जिनको छाले से 90 प्रतिशत कैंसर होने का चांस रहता है तो वह ठीक हो जाते है. राजस्थान में 30 से 40 प्रतिशत लोग मुंह के कैंसर से पीडित हैं.
श्रीलंका और सउदी अरब में भी हो सकती है एक्सपोर्टडॉ. वीडी जोशी ने कहा कि यह दवाई 20 सालों तक मेरे ही नाम से पेटेंट रहेगी. 20 सालों तक इस कंपोजिशन से कोई दवाई नहीं बना सकता. अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिले मेरा यही उद्देश्य है क्योंकि परिवार के एक सदस्य को अगर कैंसर हो जाता है तो उसका पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है. हमारी कोशिश रहेगी की ज्यादा से ज्यादा लोगो तक यह दवाई पहुंचे. अब तक 10 हजार मरीजों पर इसका इस्तेमाल कर उनको राहत पहुंचाने का काम किया है. यह दवाई सबसे ज्यादा श्रीलंका और सउदी अरब में एक्सपोर्ट हो सकती है वहां इस तरह की परेशानी ज्यादा रहती है.
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FIRST PUBLISHED : December 24, 2024, 13:37 IST