This Rajasthani musical instrument was once the pride of the courts of kings and Maharajas, today those who play it are wandering from door to door, unable to even run their families

Last Updated:May 13, 2025, 18:09 IST
राजस्थानी लोक संस्कृति का वाद्य यंत्र रावण हत्या विलुप्ति के कगार पर है. पाबूजी महाराज की कथाओं में इसका उपयोग होता था. भोपा कलाकार संघर्ष कर रहे हैं. संगठन इसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं.X
वाद्य यंत्र रावण हत्या
हाइलाइट्स
राजस्थानी वाद्य यंत्र रावण हत्या विलुप्ति के कगार पर है.भोपा समुदाय के कलाकार रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.सांस्कृतिक संगठन इस विरासत को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
सीकर. राजस्थानी लोक संस्कृति का एक अनूठा वाद्य यंत्र रावण हत्या विलुप्ति के कगार पर है. पुराने समय में लोकगाथाओं और धार्मिक आयोजनों में इस वाद्य यंत्र का उपयोग किया जाता था. कई राजा महाराजाओं के दरबार कि यह वाद्य यंत्र शान हुआ करता था. रावण हत्या का विशेष संबंध पाबूजी महाराज की लोक कथाओं से है. पाबूजी राठौड़ वंश के लोक देवता थे, जिन्हें राजस्थान में ऊंटों के देवता के रूप में पूजा जाता है.
रावण हत्या का उपयोग पाबूजी के भोपों द्वारा पवाड़ा गायन के दौरान किया जाता था. यह वाद्य यंत्र उनकी कथाओं को संगीतमय बनाने और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने का काम करता था. इस वाद्य यंत्र ध्वनि कुछ कुछ वीणा जैसी मिलती है.
इस विरासत को बचाने की कोशिशरावण हत्या बजाने वाले लिच्छु राम भोपा ने बताया कि अभी आधुनिक समय में इस वाद्य यंत्र को बजाने वाले कलाकार बहुत खराब होते जा रहे हैं, इसलिए वे इसे छोड़कर दूसरा काम करने लगे हैं. मुख्य रूप से भोपा समुदाय के कलाकार जो पीढ़ियों से रावण हत्या बजाते आए हैं, अब रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हालांकि, कुछ सांस्कृतिक संगठन और सरकारी योजनाओं द्वारा इस विरासत को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन फिर भी कला धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है.
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इसकी आवाज सुनकर पशु हो जाते थे ठीक
रावण हत्या बजाने वाले लिच्छु राम भोपा ने बताया कि पुराने समय में गाड़ी, बाइक और बस नहीं थी तब बेलों और ऊंटों का उपयोग आवागमन में करते थे. इसलिए जब वे बीमार होते थे तो लोक देवता पाबूजी महाराज की कथा के साथ रावण हत्या बजाया जाता था. इसके बाद पशु ठीक हो जाता था. इसलिए इस समय रावण हत्या बजाने की संख्या बढ़ी लेकिन, अब इसे बजाने वाले व्यक्ति का घर भी बड़ी मुश्किल से चल रहा है. हालांकि, राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र में अभी भी भोपा समुदाय के लोग पर्यटक स्थलों पर किस बचने लगे हैं. पर्यटकों के लिए यह काफी आकर्षण का केंद्र बन रहा है.
Mohd Majid
with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें
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कभी राजाओं के दरबार की शान हुआ करता था ये वाद्य यंत्र, अब लुप्त हो रही विरासत