this special dry vegetable of marwar which does not spoil for 365 days – News18 हिंदी

रिपोर्ट- सोनाली भाटी
जालौर. मारवाड़ का राजसी ठाठ-बाट और स्वादिष्ट व्यंजन बहुत प्रसिद्ध हैं. खासतौर से इस क्षेत्र में महिलाओं के हाथों से बनी देसी सब्जियां तो अपने जायके के लिए तो पूरे देश में मशहूर है. चटखारे के मामले में भी मारवाड़ का कोई जवाब नहीं. यहां घर-घर बनने वाली राबोड़ी, बड़ियां, खिचिया और पापड़ की बात ही कुछ और है. बात की जाए अगर जालौर वासियों की तो स्वाद के चटकारे जालौर के लोगों को हरे प्याज और राबोड़ी की सब्जी बहुत पसंद आती है. लोग बड़े चाव से यह सब्जी खाते हैं.
मारवाड़ के इन प्रसिद्ध देसी व्यंजनों के जरिए मारवाड़ की महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है. मारवाड़ का स्वाद देश-विदेश के लोगों को दीवाना बना चुका है. यहां के गांव-कस्बों में घर-घर से इन व्यंजनों की महक उठती है. मारवाड़ की प्रसिद्ध सूखी सब्जियों में शुमार पापड़, राबोड़ी, बड़ियां देश के विभिन्न राज्यों में भी चाव से खाई जाती हैं. बढ़ती मांग के कारण ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं इन सब्जियों को बनाती हैं. यह सब्जी खासकर मारवाड़ क्षेत्र में ही बनाई जाती है.
साल भर नहीं होती खराब
देशी तरीके से तैयार यह सब्जियां साल भर खराब नहीं होती हैं. इसके अलावा इनमें किसी प्रकार के केमिकल का उपयोग नहीं होता है. यह सब्जियां स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होती हैं. ये बेहद किफायती भी हैं. इन सब्जियों को बनाने में ज्यादा लागत भी नहीं आती. इसलिए ग्रामीणों की जेब के लिए भी फायदेमंद हैं.
राबोड़ी की रेसिपी सीखिए
गृहिणी संतोष देवी ने मारवाड़ की प्रसिद्ध राबोड़ी सब्जी की रेसिपी बतायी. छाछ और मक्की के आटे से राबोड़ी तैयार की जाती है. मक्की के आटे को छाछ में पकाकर इसका घोल तैयार किया जाता है. इसके बाद इस घोल को थालियों में लेकर प्लास्टिक या कपड़े पर डाला जाता है. हल्की धूप में ये पापड़ जैसी सूख जाती है. सूखने के बाद यह सब्जी बनाने के लिए तैयार हो जाती है. इसे आसानी से पकाया जा सकता है. राबोड़ी बाजार में 160 रुपए से लेकर 300 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से मिलती है.
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FIRST PUBLISHED : March 12, 2024, 12:47 IST