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भीलवाड़ा में मनाई जाती है यह खास परंपरा, फागुन में महिलाएं घर-घर जाकर करती हैं यह काम

Last Updated:March 02, 2025, 19:34 IST

faag Utsav : भीलवाड़ा में फागण के महीने में नाथ समाज की महिलाएं घर-घर जाकर फागण गीत गाती हैं. यह परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है और आज भी जीवित है.X
फागण
फागण के गीत सुनाती महिलाएं

भीलवाड़ा – अभी वर्तमान समय में फागण का महीना चल रहा है और हर किसी व्यक्ति में फागण के महीने की धूम मची हुई है. फागण का महीना हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के रूप में जाना जाता है यह महीना रंगों की बहार, खुशियों का माहौल और त्योहारों की धूम के लिए जाना जाता है.

फागण का महीना एक महत्वपूर्ण और रंगीन महीना है जो त्योहारों, खुशियों और प्रकृति की सुंदरता के लिए जाना जाता है राजस्थान के मेवाड़ में फागण के इस महीने का एक अलग ही महत्व है क्योंकि इस फागण के महीने में राजस्थान के राजशाही प्राचीन समय से ही कई परंपराएं निभाई जाती है जो आज भी बरकरा है एक ऐसी ही परंपरागत से आज हम आपको रूबरू करवाने जा रहे हैं

मेवाड़ के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले भीलवाड़ा में नाथ समाज की महिलाएं फागण के इस महीने में घर-घर जाकर लोगों को फागण के गीत सुनाती है यह परंपरा प्राचीन समय से ही इस समाज की महिलाएं जिंदा रखे हुए हैं. भीलवाड़ा में महिलाएं चाहें शहर हो या गांव. घर-घर जाकर फाग गीत गाकर फाग उत्सव की बधाई देती हैं.

भीलवाड़ा जिले की रहने वाली नाथ समाज की महिला रुपाली देवी ने लोकल 18 से खास बात करते हुए बताया हैं कि पुराने समय में हमारे परिवार के लोग फागुन के महीने में गांव-गांव जाकर फागण गीत सुनाते थे. होली से पहले फागण की बधाई देते थे. उस समय राजस्थानी और लोकगीत होते थे. बदलते वक्त के साथ गीत बदल गए हैं. लेकिन इस परंपरा को आज भी हम जिंदा रखे हुए हैं. भीलवाड़ा शहर हो या फिर गांव हम बाजार और घर-घर जाकर फागण के गीत सुनाते हैं. इसमें फागण गीत, राजस्थानी गीत और लोकगीत और कुछ पुरानी फिल्मों के गीत भी शामिल हैं जो हम ढपली बजाकर सुनाते हैं. घर के काम काज से समय निकालकर हम महिलाएं घर से निकलती हैं और सब साथ मिलकर घर – घर जाकर ये फागण के गीत सुनाती हैं.

आज भी पुरानी परंपरा को निभा रहा यह समाज –रुपाली देवी ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया हैं कि  हमारे घर-बार खेत खलिहान सब कुछ हैं. हम हमारे गांव में खेती का काम करते हैं लेकिन जब फागण का महीना आता है तब हम नाथ समाज के लोग अपनी परंपरा निभाने के लिए फागण गीत गाने लगते हैं. क्योंकि यह खुशी का महीना है और हम खुशी से यह गीत गाते हैं. 12 महीने में सिर्फ एक समय ही ऐसा आता है जब हम खुशी से फागण गीत गाते हैं.


Location :

Bhilwara,Rajasthan

First Published :

March 02, 2025, 19:34 IST

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भीलवाड़ा में मनाई जाती है खास परंपरा, फागुन में महिलाएं घर-घर जाकर करती काम

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