राजस्थान के इस मिठाई की है देशभर में डिमांड, राजा-महाराजाओं से लेकर राजनेता और अधिकारी भी है इसके दीवाने

मनीष पुरी/भरतपुरः वैसे तो हर जगह की अपनी एक अलग पहचान और विशेषता होती है. वहां का एक अलग फेमस जायका भी होता है. ऐसा ही एक जायका है जो भरतपुर का फेमस है. जो सिर्फ भरतपुर शहर में ही आपको देखने के लिए मिलेगा. जी हां हम बात कर रहे है भरतपुर की बिस्तर बंद मिठाई की. इस जायके ने पूरे देश को अपना दीवाना बना दिया है. बिस्तर बंद मिठाई यह ऐसी मिठाई है. जिसका स्वाद लेने के लिए देशभर के लोग भरतपुर आते हैं. यह बिस्तर बंद मिठाई भरतपुर मे पिछले 80,90 सालों से बनाई जा रही है.शहर के कोतवाली चौराहे पर करीब 85 साल पुरानी छोटी सी दुकान में यह मिठाई बनाई जाती है. जिसे 1935 में बाबूलाल खंडेलवाल ने शुरू किया था. अब उनकी चौथी पीढ़ी भी इस मिठाई के जायके को तैयार कर लोगों को परोस रही है. इस मिठाई की डिमांड इतनी है की लोग दूर दूर से खाने आते है. इसके बनते ही दुकान में रखने से पहले ही खत्म हो जाती है. इसे लोग 4 नामों से जानते हैं. जिसमें पलंग तोड़, लपेटा, बैडरौल और बिस्तर बंदनाम है. जिसमें इस का प्रसिद्ध नाम बिस्तर बंद है. इस मिठाई का स्वाद लोगों की जुबां पर चढ़ गया है. यह मिठाई सिर्फ भरतपुर में ही बनाई जाती है. भरतपुर के अलावा यह मिठाई पूरे राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में कहीं पर भी नहीं बनाई जाती है.
राजा महाराजाओं से लेकर नेता अधिकारी भी दीवानेलोकल 18 ने दुकानदार कुलदीप खंडेलवाल से बात की तो उन्होंने बताया कि यह हमारी चौथी पीढ़ी के पास विरासत आई है. इस मिठाई के आम आदमी से लेकर राजनेता बड़े-बड़े सेलिब्रिटी और अधिकारी दीवाने हैं. यह मिठाई 15 किलो दूध में सिर्फ 2 से 3 किलो बिस्तर बंद मिठाई तैयार होती है. 1 किलो बिस्तर बंद का रेट 500 रूपये होता है.
इस प्रकार बनती है बिस्तर बंद मिठाईसबसे पहले एक कढ़ाई में दूध डालकर उसके मलाईदार लच्छे तैयार किए जाते हैं. फिर दूसरी कढ़ाई में दूध की खुरचन तैयार करते है. दूध की खुरचन को मलाई लच्छे के ऊपर चढ़ाया जाता है. ठंडा होने के बाद लेयर को काटा जाता है और उसके ऊपर हल्का मीठा बनाने के लिए रवा छिडका जाता है. उसके बाद लेयर को लपेटकर बिस्तर रोल का आकार दिया जाता है. इसीलिए इसे बिस्तर बंद कहा जाता है.
FIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 16:33 IST