इस टैंक ने पाकिस्तान को पिला दिया था पानी, भारत और बांग्लादेश की किया है बड़ी मदद, दूर-दूर से देखने आते हैं लोग
दर्शन शर्मा/सिरोही: भारत और पड़ोसी देश पाकिस्तान के बीच वर्ष 1971 में हुआ युद्ध आज भी देशवासियों के जहन में आता है. इस युद्ध के बाद ही बांग्लादेश पाकिस्तान से आजाद हुआ था. इस युद्ध में भारत ने स्पष्ट बढ़त हासिल कर ली. भारतीय सेना द्वारा लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया गया था. इस युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले टी-55 टैंक को राजस्थान के प्रसिद्ध हिल स्टेशन माउंट आबू में स्थापित किया गया है. जिसे देखने के लिए देश-दुनिया से काफी पर्यटक पहुंचते हैं. ये टैंक पर्यटकों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
टी-55 टैंकों को वर्ष 1967-68 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था. इन टैंकों का उपयोग 1971 में भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में किया गया था. ये टैंक भारतीय बख्तबंद कोर के मुख्य आधार थे. युद्ध में इन टैंकों ने पाकिस्तान के 58 टैंकों को नष्ट कर दिया था. इन्होंने शकरगढ़, फाझिल्का और छंब सेक्टर पर फतेह हासिल की थी. बांग्लादेश को आजाद करवाने में भी इन टैंकों ने अहम भूमिका निभाई थी.
युद्ध और जवानों की शहादत को याद करते है पर्यटक1971 के युद्ध में राजस्थान से लड़ने वाले वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इस प्रतिष्ठित टैंक को 2022 में माउंट आबू नगरपालिका और आर्मी बटालियन के अथक प्रयास से माउंट आबू के नक्की झील के परिक्रमा पथ पर स्थापित किया गया था.
नक्की झील के किनारे लगा ये टैंक लोगों को इस युद्ध और युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद दिलाता है. पर्यटक परिक्रमा पथ पर आने के दौरान यहां घूमने के साथ ही इस टैंक के साथ सेल्फी भी लेते हैं.
FIRST PUBLISHED : August 17, 2024, 15:36 IST