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this temple was established due to war – News18 हिंदी

अंकित राजपूत, जयपुर. राजस्थान के कछवाह वंश की कुलदेवी के रूप में जमवाय माता की पूजा करते हैं. जयपुर से 30 किलोमीटर दूर इस मंदिर का इसका इतिहास बहुत अनोखा और दिलचस्प है. इस मंदिर की स्थापना से पहले जमवारामगढ़ में पुराने समय में मीणों का राज था. यह मंदिर जमवारामगढ़ बांध की पहाड़ियों की तलहटी में बना हुआ है. इस मंदिर में विशेष रूप से जयपुर के राजा जो कछवाह वंश के हैं, उनकी कुलदेवी के रूप में जमवाय माता को पूजा जाता है.

जमवाय माता मंदिर के गर्भगृह में जमवाय माता की एक प्रतिमा है और दाहिनी ओर गाय के बछड़े और बायीं ओर माता बुढवाय की मूर्ति स्थापित है. इसी मंदिर परिसर में भगवान शंकर का शिवालय और एक भैरव बाबा का मंदिर भी मौजूद हैं. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि नवजात राजकुमारों को रानी निवास के बाहर तब तक नहीं निकाला जाता था जब तक कि जमवाय माता के दर्शन नहीं लगवा लिए जाते थे. साथ ही राज्यारोहण व बच्चों के मुंडन संस्कारों के लिए कछवाहा वंश के लोग इसी मंदिर में दूर-दूर से आते हैं.

युद्ध से हुई माता के मंदिर की स्थापना
यहां के स्थानीय लोग और मंदिर के महंत बताते हैं कि 1100 ईसवी में महाराजा दुल्हेरायजी नरवर ग्वालियर से बारात लेकर जा रहे थे, तभी यहां के मीणाओं ने उनका रास्ता रोका और जाने नहीं दिया. राजा ने कहा कि शादी से लौटते ही यहां युद्ध होगा, युद्ध हुआ तो पूरी बारात घायल हो गई और फिर दूल्हन ने सती होने का फैसला किया. इसके बाद घायल अवस्था में पड़े राजा को बुड़वाय माता ने दर्शन दिए और फिर से युद्ध कर मंदिर बनाने के लिए कहा.

राजा सहित पूरी सेना ने फिर से युद्ध किया और जीत प्राप्त की. इसके बाद बुड़वाय माता का मंदिर जमवाय माता के नाम से बनाया गया और राजा ने यहां पर अपने राज्य का विस्तार कर इस जगह को अपनी राजधानी बनाई. कुछ समय बाद राजा के बेटे ने भी यहां युद्ध किया और घायल हो गये और माता ने उन्हें गाय का दूध पिलाकर आशीर्वाद दिया और फिर से वह युद्ध में विजय हो गए.

सालों से जयपुर के कछवाह वंश के राजा यहां करते हैं पूजा
जमवारामगढ़ में सालों से कछवाह वंश के लोग और राजा यहां सालों से देवी जमवाय की पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. नवरात्र और दशहरा के मौके पर यहां भव्य पूजा की जाती है. यहां मेला भी लगता है.

माता जमवाय की पूजा के लिए यहां पूरे भारत से लोग आते हैं. साथ ही यहां नजदीक भव्य रामगढ़ बांध जो सालों से सूखा पड़ा है, अब यह पर्यटक केन्द्र बन गया है. चारों तरफ पहाड़ी और सुंदर पेड़-पौधे लोगों को खूब आकर्षित करते हैं.

Tags: Dharma Aastha, Jaipur news, Rajasthan news, Religion 18

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