बच्चों के लिए ‘नशा’ से कम नहीं यह चीज ! ब्रेन पर डालती है बुरा असर, किड्स को बना देती है गुस्सैल और जिद्दी
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Screen Side Effects on Kids Health: आजकल बच्चे एक-दो साल की उम्र से ही स्क्रीन देखना शुरू कर देते हैं. धीरे-धीरे उनको मोबाइल फोन और टीवी का एडिक्शन हो जाता है और वे दिनभर स्क्रीन पर चिपके हुए रहते हैं. कई बच्चे इतनी ज्यादा स्क्रीन देखते हैं, जिससे उनकी आंखें कमजोर हो जाती हैं. पैरेंट्स को लगता है कि मोबाइल फोन से बच्चों को कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. आपको जानकर हैरानी होगी कि बच्चों के लिए ज्यादा स्क्रीन टाइम एक गंभीर समस्या बन सकता है. यह केवल उनके ब्रेन पर ही नहीं, बल्कि व्यवहार पर भी बुरा असर डालता है.
मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल की साइकेट्रिस्ट डॉ. शोरुक मोटवानी के मुताबिक ज्यादा स्क्रीन देखने से बच्चों में एग्रेसिवनेस, गुस्सा, एंजायटी और डिप्रेशन जैसी परेशानियां तेजी से बढ़ रही हैं. जब बच्चे ज्यादा समय तक स्क्रीन के सामने रहते हैं, तो इससे उनके व्यवहार में भी काफी बदलाव आ सकता है. स्क्रीन के साइड इफेक्ट के कारण बच्चे नखरे करने लगते हैं, चिंतित हो जाते हैं और उन्हें सोने में भी परेशानी होती है. इससे उनकी मेंटल हेल्थ बिगड़ने लगती है. बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्याएं बढ़ने का कारण स्ट्रेस और ज्यादा स्क्रीन टाइम है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो स्क्रीन की लत लगने से बच्चों में मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन और अचानक गुस्सा बढ़ने लगता है. इसका बुरा असर उनकी ग्रोथ पर पड़ता है. पैरेंट्स को बच्चों के व्यवहार में होने वाले बदलावों पर ध्यान देना चाहिए. अगर कोई बच्चा सही तरीके से खाना-पीना नहीं खा रहा है या उसे सोने से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं या स्कूल जाने का मन नहीं कर रहा है, तो हो सकता है कि बच्चा मानसिक तनाव में हो. ऐसे में पैरेंट्स को बच्चों का खास खयाल रखना चाहिए और उन्हें इन चीजों से उबरने में मदद करनी चाहिए. इसके लिए हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं.
डॉक्टर्स की मानें तो अगर बच्चों में स्ट्रेस के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो उन्हें धैर्य रखना चाहिए और बच्चों को डांटने के बजाय प्यार से डील करना चाहिए. इससे वे जान सकते हैं कि बच्चे को क्या परेशानी है और किस चीज से वह तनाव में है. अगर बच्चे के लक्षण बढ़ते जा रहे हैं, तो बाल रोग विशेषज्ञ से कंसल्ट करना चाहिए. सही समय पर एक्सपर्ट्स की मदद लेना बच्चों की मानसिक सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. माता-पिता बच्चों को स्वस्थ मानसिक स्थिति में रखने में मदद कर सकते हैं. सभी पैरेंट्स को कोशिश करनी चाहिए कि उनके बच्चे की मेंटल हेल्थ अच्छी रहे.
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FIRST PUBLISHED : October 10, 2024, 15:08 IST