Rajasthan

आयुर्वेद में बहुत उपयोगी है यह है कांटों वाला खरपतवार, कुछ ही दिनों में भर देता है पुराने से पुराना घाव

जयपुर. खरपतवार की तरह उगने वाला छोटे तने वाला कांटेदार पौधा सत्यानाशी को बेकार को अक्सर बेकार पौधा मानकर फेंक दिया जाता है, लेकिन बेकार समझे जाने वाला सत्यानाशी का पौधा उसके गुना से भरपूर होता है. इसी पौधे पर पीले चटकीले रंग के फूल बड़े आकर्षक होते हैं आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल बताते हैं कि सत्यानाशी आमतौर पर अनुपजाऊ भूमि पर बड़े पैमाने पर उगने वाला पौधा है.

किसान इस पौधे को बेकार समझकर फेंक देते हैं लेकिन आयुर्वेद में यह पौधा लंबे समय से औषधीय उपयोग के लिए लिया जाता रहा है. इस पौधे को तोड़ने पर पीला रंग का दूध निकलता है जिसे स्वर्णशीर कहा जाता है. औषधि उपयोग के लिए अब सत्यानाशी के पौधे की खेती भी संभव होने लगी है. इस पौधे पर छोटे-छोटे कांटे होने पर लोग इसे सावधानी से ही तोड़ते हैं इस पर लगने वाले फल बहुत अलग-अलग कामों में लिया जाता है.

क्या है सत्यानाशी का पौधाइस पौधे की तना छोटी हल्के हरे भूरे रंग की होती है. इस पौधे पर छोटे छोटे कांटे होते हैं जो पौधे को छूने पर शरीर पर चुभते हैं. इसके फूल चटकीले पीले रंग के होते हैं जो बहुत सुंदर प्रतीत होते हैं. वहीं इसके फूल में राई के समान छोटे-छोटे बीज होते हैं. सत्यानाशी को तोड़ने से पीला दूध निकलता लगता है इसलिए इस स्वर्णक्षीर भी कहते हैं.

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सत्यानाशी के औषधीय गुण आयुर्वेदिक डॉ. किशन लाल ने बताया कि सत्यानाशी का पौधा छोटा भरे हर रंग का होता है जो औषधीय उपयोग में लिया जाता है इस पौधे के फल बीज में औषधिय गुणों से भरपूर माने जाते हैं.

1.खांसी इलाज में फायदेमंद: सत्यानाशी के पौधे के जड़ को पानी में उबालकर काढ़े के रूप में पीने से खांसी में तुरंत आराम मिलता है. सत्यानाशी जड़ के पाउडर को गर्म पानी या गर्म दूध के साथ सुबह-शाम पिलाने से कफ में आरम मिलता है. इसके अलावा सत्यानाशी को पानी में भिगोकर काढ़ा बनाकर पीने से तुरंत आराम मिलता है.

2. नाक के खून रोकने में सहायक:  सत्यानाशी के बीजों के तेल से शरीर पर मालिश करने व इसके पत्ते के रस में दूध मिलाकर सुबह और शाम पिले से नाक कान से खून आना बंद हो जाता है और कुष्ठ रोग में भी आराम मिलता है.

3. घाव भरने में सहायक: सत्यानाशी के दूध को घाव पर लगाने से पुराने घाव ठीक हो जाते हैं.सत्यानाशी रस को घाव को ठीक करने वाली औषधि मानी जाती है.

4.शरीर के दर्द को दूर भगाने में सहायक: सत्यानाशी तेल की बूंदों को  गसोंठ के साथ मिलाकर सेवन करने से शरीर के सभी अंगों के दर्द ठीक हो जाते हैं. इसे शरीर के दर्द भगाने वाली औषधि माना जाता है.

Tags: Jaipur news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : November 3, 2024, 21:05 IST

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