अनूकुल मौसम के कारण इस बार जिले के किसानों को होगी बंपर पैदावार, घर आएगी ‘लक्ष्मी’

सीकर. जिले के किसानों की ओर से इन दिनों खरीफ की फसलों की इन दिनो कटाई जोरों पर है. किसान तेजी से फसलों की कटाई में जुटे हुए है. इस बार सीकर जिले में बुवाई से लेकर अब तक अनुकूल मौसम रहने के कारण किसानों की झोली में खरीफ की फसलों के लाखों रुपए आएंगे.
कृषि विभाग के अनुसार इस बार जिले में 53 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा उत्पादन होने के आसार है. वहीं दीपावली से पहले वातावरण में नमी घुलने से जिले के सिंचित क्षेत्रों में सरसों व चना की अगेती बुवाई – शुरू हो गई है. कृषि विभाग को भी रबी की बुवाई के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं. सीकर में इस बार रबी की बुवाई करीब ढाई लाख हेक्टेयर में होगी.
इस बार बढ़ेगी उत्पादकता सीकर जिले में आगामी दिनों में मौसम के सर्द होने से रबी की अगेती फसलों का बेहतर अंकुरण होगा. इससे फसलों की प्रति बीघा उत्पादकता बढ़ेगी. किसानों की मानें तो तापमान में गिरावट से भूमि की उर्वरक क्षमता बढ़ती है. इससे फसलों की गुणवत्ता के साथ पैदावार भी बढ़ती है. इसके साथ ही इन फसलों का आकर भी अच्छा होता है. इस बार मटर, जौ और चना के लिए तापमान में गिरावट से मजबूती मिलती है.देरी से पड़ता है असरकृषि अधिकारी राम सिंह ने बताया कि नम वातावरण के कारण हर साल अक्टूबर माह में अधिकांश क्षेत्रों में अगेती बुवाई हो जाती है. लेकिन इस बार बारिश और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण अगेती बुवाई प्रभावित हुई है. ऐसे में अब एक पखवाड़े बाद अगेती बुवाई ने जोर पकड़ा है. किसानों के अनुसार देरी से बुवाई करने पर फसलों की बढ़वार प्रभावित होती है. वहीं शीतलहर के कारण नुकसान की आशंका बन जाती है. कृषि कैलेंडर के अनुसार अनुसार 15 अक्टूबर तक सरसों चने की बुवाई के लिए तथा अक्टूबर के अंतिम पखवाड़े से 15 नवंबर तक गेहूं की बुवाई के लिए अनुकूल समय रहता है.
FIRST PUBLISHED : October 26, 2024, 14:21 IST