Rajasthan

इस बार जूता-चप्पल, तकिया व हरी मिर्च-भिंडी के सिंबल पर होंगे पंच-सरपंच के चुनाव! जानिए कैसे मिलता है इनको सिंबल?

सीकर. राजस्थान में लंबे समय से लंबित चल रहे पंचायतीराज और नगर निकाय चुनावों को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है. राज्य निर्वाचन आयोग ने पंच और सरपंच पदों के लिए चुनाव चिह्न जारी कर दिए हैं. दोनों ही पदों के लिए 40-40 चुनाव चिह्न निर्धारित किए गए हैं, जिन पर उम्मीदवार वोट मांगेंगे. इस बार की सूची में कई रोचक और दैनिक जीवन से जुड़े प्रतीक शामिल किए गए हैं. इनमें जूता, चप्पल, हरी मिर्च, भिंडी, चूड़ियां, फूलगोभी, कटहल, तकिया, कुंडी, पेट्रोल पंप, रेजर और जुराब जैसे चिह्न प्रमुख हैं. आयोग का कहना है कि इन प्रतीकों को ग्रामीण मतदाताओं की सहज पहचान को ध्यान में रखकर जोड़ा गया है.

इसी के साथ पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्य के लिए निर्दलीय प्रत्याशियों के चुनाव चिह्न भी घोषित कर दिए गए हैं. पंचायत समिति सदस्य पद के लिए अलमारी, चप्पल, सेब, कोट, गुब्बारा, चारपाई, मिक्सी, पेंसिल डिब्बा, बाल्टी, मोतियों का हार, फ्रॉक, रेफ्रिजरेटर जैसे चिह्न शामिल किए गए हैं. वहीं जिला परिषद सदस्य के स्वतंत्र उम्मीदवारों को लिफाफा, टीवी, टेलीफोन, फव्वारा, गैस चूल्हा, जंजीर, टॉफियां, चक्की, साइकिल, कैंची, हारमोनियम और सिलाई मशीन जैसे प्रतीक दिए जाएंगे.

पंच पद के लिए जारी किए गए चुनाव चिह्नराज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, पंच चुनाव के लिए अलमारी, चप्पल, सेब, कोट, गुब्बारा, चारपाई, चूड़ियां, मोतियों का हार, मिक्सी, पेंसिल डिब्बा, बेंच, आदमी व पाल युक्त नौका, तकिया, बिजली का खंभा, बक्सा, बांसुरी, बाल्टी, लिफाफा, रेफ्रिजरेटर, टेलीविजन, फव्वारा, फूलगोभी, टेलीफोन, जंजीर, गैस चूल्हा, टॉफियां, चक्की, साइकिल पंप, अंगूर, आरी, हरी मिर्च, हाथ गाड़ी, हारमोनियम, आइसक्रीम, स्कूल का बस्ता, कैंची, सिलाई मशीन, जूता, ईंट और फ्रॉक जैसे कुल 40 प्रतीक तय किए गए हैं.

सरपंच पद के लिए जारी किए गए चुनाव चिह्नराज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार सरपंच चुनाव के लिए प्रेस, स्लेट, कटहल, जुराब, केतली, सोफा, भिंडी, हेलमेट, लेडी पर्स, स्टूल, लेटर बॉक्स, झूला, सिरिंज, माचिस की डिब्बी, मेज, माइक, टेंट, कड़ाही, कैमरा, नाशपाती, चिमटा, ट्यूब लाइट, मूसल और खरल, टूथब्रश, टूथपेस्ट, पेट्रोल पंप, ट्रक, करनी, बिस्कुट, टायर, छड़ी, प्रेशर कुकर, रेजर, दीवार की खूंटी, खिड़की, अखरोट, रोड रोलर, तरबूज, पानी का टैंक और कुंडी जैसे 40 प्रतीक शामिल किए गए हैं.

चुनाव चिह्न कैसे आवंटित किए जाते हैंउम्मीदवार को चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद नामांकन दाखिल करना होता है. नामांकन के दौरान प्रत्याशी यह भी उल्लेख करता है कि वह किस श्रेणी यानी आरक्षित या सामान्य सीट पर चुनाव लड़ रहा है. पंच और सरपंच पद पर राजनीतिक दलों के चिह्न मान्य नहीं होते, इसलिए निर्वाचन आयोग पहले से निर्धारित फ्री सिंबल सूची जारी करता है और उम्मीदवार इन्हीं में से चिह्न चुनते हैं. यदि दो या अधिक प्रत्याशी एक ही चिह्न चुनते हैं, तो प्राथमिकता नामांकन जमा करने के समय और आयोग के दिशानिर्देशों के आधार पर तय होती है. जिसे प्राथमिकता मिलती है, उसे वही चिह्न दिया जाता है और अन्य उम्मीदवारों को दूसरा विकल्प चुनना होता है. सभी नामांकन की जांच के बाद रिटर्निंग ऑफिसर प्रत्येक प्रत्याशी को औपचारिक रूप से चुनाव चिह्न आवंटित करता है. तय समय सीमा के बाद चिह्न में बदलाव संभव नहीं होता.

हाईकोर्ट ने चुनाव आयोजन पर सख्त निर्देश दिएपंचायतीराज चुनावों को लेकर हाईकोर्ट ने हाल ही में सुनवाई के दौरान सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 15 अप्रैल 2026 तक पंचायत और निकाय दोनों के चुनाव करवाए जाएं. साथ ही यह भी आदेश दिया गया है कि 31 दिसंबर 2025 तक परिसीमन प्रक्रिया पूरी की जाए. कई याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि सरकार ने मनमाने तरीके से चुनाव स्थगित कर संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है. करीब 450 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह आदेश जारी किया.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj