राजस्थान की यह परंपरा बहनों को बना रही करोड़पति, भाई दिल खोलकर देते हैं गिफ्ट, बोरे भरकर लाते हैं रुपये

जयपुर. राजस्थान में शादियों में होने वाले ‘मायरा’ (भात) परंपरा बेहद खास होती है. यह परंपरा कई बहनों को करोड़पति तक बना देती है. सदियों पुरानी इस परंपरा को निभाने के लिए आजकल करोड़ों रुपये खर्च किए जाने लगे हैं. अब मायरे में भाई सोने-चांदी की जूलरी और कपड़ों के साथ करोड़ों रुपये की नगदी तथा जमीनें भी गिफ्ट करने लगे हैं. राजस्थान के नागौर जिले में तो यह परंपरा प्रतिष्ठा से जुड़ गई है. यहां इस परंपरा में बहनों को गिफ्ट देने में जबर्दस्त कंम्पिटशन हो गया है.
दरअसल मायरा शादी से जुड़ी अहम रस्म है. इस रस्म भाई बहन के रिश्तों को मजबूत करती है. भाई अपनी बहन के बच्चों की शादियों में इस परंपरा को निभाते हैं. इसे ‘भात’ भी कहा जाता है. मां के भाई यानी मामा अपने भांजे और भांजियों की शादी में बहन के घर जाकर मायरा भरते हैं. इस रस्म में भाई बहन को चुनरी ओढ़ाते हैं. इसके साथ ही अपनी हैसियत के अनुसार उसे गिफ्ट भेंट करते हैं. इनमें सोने-चांदी जूलरी के अलावा नगदी अहम होती है. इसके अलावा अन्य गिफ्ट भी दिए जाते हैं. मायरे को बहन के बच्चों शादी में होने वाले खर्च में भाई की तरफ से सहयोग भी माना जाता है.
मायरे पर करोड़ों रुपये खर्च करने लगे हैंबहन के घर मायरा भरने के लिए जाते वक्त भाई अपने रिश्तेदारों और कुनबे के लोगों के साथ गांव के लोगों तथा दोस्तों को भी ले जाते हैं. वहां भाइयों के अलावा मायरे में शामिल सभी लोग बड़े लोग बहन को चुनरी ओढ़ाते हैं. उस पर रुपये के निछरावल करते हैं. अपनी-अपनी इच्छा तथा हैसियत के अनुसार गिफ्ट देते हैं. राजस्थान के नागौर जिले के जायल इलाके के मायरे बेहद प्रसिद्ध हैं. इस इलाके में लोग इस रस्म पर करोड़ों रुपये खर्च करने लगे हैं.
भाई अब सैंकड़ों वाहनों के लवाजमे के साथ जाने लगे हैंयहां भाई बहनों के बच्चों की शादी में मायरा भरने के लिए सैंकड़ों वाहनों के लवाजमे के साथ जाने लगे हैं. बैंड बाजे के साथ इस रस्म को पूरा करते हैं. समय के साथ यह रस्म अब इतनी चर्चित हो गई है कि पहले सामान्य सी लगने वाली यह रस्म अब बेहद अहम हो गई है. कई शादियों में तो भाई बहन के यहां मायरा भरने में मूल शादी से भी ज्यादा खर्च करने लगे हैं. धनाढ्य लोगों में इसे लेकर कम्पिटशन हो गया है. अब मायरों में 100 से ऊपर तक गाड़ियों का लवाजमा हो जाता है.
8 करोड़ 1 लाख रुपये का मायरा काफी चर्चा में रहा थाबीते बरसों में नागौर जिले में ही ऐसा ही एक मायरा ढ़ीगसरा गांव के छह भाइयों ने मिलकर भरा था. यह मायरा 8 करोड़ 1 लाख रुपये का भरा गया था. इसे नागौर में अब तक का सबसे बड़ा मायरा माना जाता है. इस मायरे में छह भाइयों ने बहन को 2.21 करोड़ रुपये नगद और 71 लाख की 1 किलो 105 ग्राम सोने जूलरी भेंट की थी. इसके अलावा 9.8 लाख रुपये के चांदी के 14 किलो चांदी सिक्के बांटे गए. इनमें 2 किलो सिक्के बहन को दिए गए और 800 सिक्के उसके ससुराल के गांव को बांटे गए. इसके अलावा करीब 4,42 करोड़ की 100 बीघा जमीन, 50 लाख रुपये की एक अन्य जमीन और 7,00,000 रुपये की गेहूं से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली शामिल थी.
बूरड़ी के तीन भाइयों ने 3 करोड़ 21 रुपये लाख का मायरा भरानागौर में बीते कुछ बरसों में ऐतिहासिक मायरे भरे गए हैं. ऐसा ही एक मायरा नागौर की डेह तहसील के बूरड़ी गांव के तीन भाइयों ने अपनी बहन के यहां भरा था. इस शादी में 3 करोड़ 21 रुपये लाख का मायरा भरा गया. इसमें इन भाइयों ने अपनी बहन को 81 लाख रुपये नगद, साढ़े 16 बीघा जमीन, रिंग रोड पर प्लॉट, 41 तोला सोना, 3 किलो चांदी और धान से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ स्कूटी गिफ्ट की थी.
नागौर में करोड़ दो करोड़ के मायरे अब आम चुके हैंये दो तो केवल उदाहरण हैं. नागौर में करोड़ दो करोड़ के मायरे अब आम चुके हैं. यहां एक मायरे में तो मामा रुपये को दो बोरों में भरकर लाए थे. वहीं राजस्थान में मायरे को लेकर एक और ट्रेंड शुरू हुआ है. जरुरतमंद की शादी में आर्थिक सहयोग देने के लिए कई संस्थाएं, पुलिस थाने और गांव भाई बनकर गरीब परिवार के यहां मायरा भरने जाते हैं. इसमें लोग सामूहिक रूप से रुपये एकत्र कर मायरे के नाम पर अपनी तरफ से सहयोग करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 12:11 IST