This virus attacking neuro syste patient risk of paralytic attack

Last Updated:April 17, 2025, 17:33 IST
बीते सालों के रिकॉर्ड देखें, तो जोधपुर में जीबीएस सिंड्रोम के हर महीने एक-दो मामले दर्ज हो रहे थे. लेकिन इस साल 3 महीने में ही जोधपुर में करीब 200 से अधिक मामले केवल जोधपुर में मिल चुके हैं.X
जीबीएस सिंड्रोम ने बजाई खतरे की घंटी
हाइलाइट्स
जोधपुर में जीबीएस के 200 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं.एमडीएम अस्पताल में जीबीएस का नि:शुल्क इलाज उपलब्ध है.जीबीएस मामलों पर रिसर्च होगी: जोधपुर या पूरे पश्चिमी राजस्थान में?
जोधपुर:- जीबीएस अब राजस्थान में भी दस्तक दे चुकी है. जीबीएस सिंड्रोम के मामलों की संख्या जोधपुर में भी तीन महीने से बढ़ी है, जिसका आंकड़ा देख हर कोई हैरान है. ये सिंड्रोम मांसपेशियों व श्वसन तंत्र के लिए घातक है. बीते सालों के रिकॉर्ड देखें, तो जोधपुर में हर महीने एक-दो मामले दर्ज हो रहे थे. लेकिन इस साल 3 महीने में ही जोधपुर में करीब 200 से अधिक मामले केवल जोधपुर में मिल चुके हैं.
3 माह में ही दिखी ये बीमारीजोधपुर में मेडिसिन व न्यूरोलॉजी दोनों ही विभागों में इसका उपचार चल रहा है. हैगुइलेन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली काफी प्रभावित हो जाती है. जोधपुर में यह पिछले तीन माह में ही देखने को मिली है. यह जीवाणु व वायरस से होती है. तीन माह पहले पुणे में इसके काफी ज्यादा मामले आए थे.
इसके बाद यह बीमारी एकदम से चर्चा में आई. जोधपुर में भी जनवरी-फरवरी से इसके मरीज सामने आने लगे. सामान्य तौर पर सप्ताह में एक-दो मरीज पहले भी आते थे, लेकिन अब इसकी संख्या सप्ताह में 15 से 20 तक पहुंच गई है.
सिर्फ जोधपुर या पूरे पश्चिमी राजस्थान में अब होगी रिसर्चएमडीएम अस्पताल में लगातार केस सामने आने के बाद अब एक रिसर्च भी की जाएगी. इसमें यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि बीमारी सिर्फ जोधपुर में है या पश्चिमी राजस्थान के अन्य क्षेत्रों से भी आ रही है. इसके लिए अस्पताल के डाटा भी संग्रहित किए जाएंगे.
एमडीएम अस्पताल में नि:शुल्क इलाज एमडीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने लोकल 18 से बातचीत करते कहा कि जीबीएस सिंड्रोम के मामले पिछले कुछ समय में बढ़े हैं. मेडिसिन की हर ओपीडी में एक-दो मामले आ रहे हैं. इसके कारण तो सटीकता से पता नहीं लगा सकते. ये बीमारी भी ज्यादातर युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है. इस साल अब तक आए 70 प्रतिशत रोगी 30 से 50 साल आयु के हैं.
प्राइवेट अस्पतालों में इसके इलाज में खर्च बहुत ज्यादा आता है, जबकि एमडीएम अस्पताल में नि:शुल्क इसका इलाज सरकार द्वारा किया जाता है. जीबीएस से संक्रमित हों, तो सरकार की जो जन उपयोगी योजनाएं हैं, उसका लाभ उठाएं. आगे वे बताते हैं कि हमारे यहां प्रॉपर आईसीयू बैड्स से लेकर तमाम सुविधाएं उपलब्ध है.
Location :
Jodhpur,Rajasthan
First Published :
April 17, 2025, 17:33 IST
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जोधपुर में इस बीमारी का बढ़ने वाला है खतरा! सीधा न्यूरो सिस्टम पर कर रहा अटैक