मानव, पशु और खेती तीनों के लिए वरदान है यह जंगली पौधा, फसल की आय बढ़ाने के साथ कीट-मच्छर भगाने में है सक्षम

Last Updated:October 13, 2025, 07:39 IST
Wild Basil Benefits: ग्रामीण किसान आज भी पारंपरिक तरीकों से खेतों में कीटों को भगाते हैं. जंगली तुलसी से बना जैविक पेस्टिसाइड गाय के मूत्र में उबालकर तैयार किया जाता है. इसका छिड़काव फसलों पर करने से कीट और रोग दोनों दूर रहते हैं, मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और फसल स्वस्थ रहती है. यह रासायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता को लगभग समाप्त करता है. जंगली तुलसी खेतों के आस-पास स्वतः उग आती है और अपनी तेज गंध से कीटों को दूर रखती है, जिससे यह प्राकृतिक सुरक्षा कवच का काम करती है.
ग्रामीण इलाकों में आज भी कई किसान पारंपरिक तरीकों से खेतों में कीटों को भगाने का काम करते हैं. पुराने समय में रासायनिक दवाओं के बजाय प्राकृतिक पेस्टिसाइड बनाए जाते थे. इन्हीं में से एक है जंगली तुलसी से बना पेस्टिसाइड, जो पूरी तरह जैविक होता है और फसलों को बिना नुकसान पहुंचाए कीटों से बचाता है.
यह पेस्टिसाइड जंगली तुलसी को गाय के मूत्र में उबालकर तैयार किया जाता है. इसका छिड़काव फसलों पर करने से कीट-पतंगे और रोग दोनों दूर रहते हैं. यह मिश्रण इतना प्रभावी होता है कि रासायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता लगभग समाप्त हो जाती है. इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और फसल स्वस्थ रहती है.
उन्नत किसान सोना राम ने बताया कि इस पारंपरिक पद्धति से तैयार पेस्टिसाइड से फसल पूरी तरह जैविक बनती है. फसल की गुणवत्ता बेहतर रहने के कारण बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिलती है. किसान इसे प्राकृतिक रक्षक पौधा कहते हैं, क्योंकि यह न केवल फसल की रक्षा करता है बल्कि मिट्टी की जीवंतता को भी बनाए रखता है.
जंगली तुलसी की पहचान करना आसान है. इसकी सुगंध सामान्य तुलसी की तुलना में अधिक तेज और औषधीय होती है. इसका डंठल हल्का बैंगनी या भूरा, जबकि पत्ते छोटे, गहरे हरे और हल्के रोयेदार होते हैं. यह पौधा आमतौर पर एक से दो फीट ऊंचा होता है और बरसात में अपने आप उग आता है.
इसके फूल छोटे और बैंगनी-सफेद रंग के होते हैं जो गुच्छों में लगते हैं. यह जड़ी-बूटी खेतों के आसपास अपने आप फैल जाती है, जिससे किसानों को इसे अलग से बोने की जरूरत नहीं पड़ती. इसकी तेज गंध कई तरह के कीड़ों को पास नहीं आने देती, जो इसे प्राकृतिक सुरक्षा कवच बनाती है.
जंगली तुलसी केवल खेती में ही नहीं, बल्कि मनुष्य और पशुओं के लिए भी लाभकारी है. हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. प्रिया ने बताया कि जंगली तुलसी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं. इसके पत्ते मच्छर और कीट भगाने में प्रभावी हैं. यह पौधा खेत की सेहत के साथ परिवार और पशुओं की सेहत की भी रक्षा करता है.
उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में जंगली तुलसी का विशेष महत्व है. इसका उपयोग बुखार, खांसी, त्वचा संक्रमण और पेट संबंधी रोगों में किया जाता है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इसके काढ़े को पशुओं को भी दिया जाता है, जिससे वे बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं और खेती व स्वास्थ्य दोनों में संतुलन बना रहता है.
First Published :
October 13, 2025, 07:39 IST
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कमाल है यह जंगली पौधा! खेती में बढ़ाता है आय और कीट-मच्छर को भी रखता है दूर