फाइबर से भरपूर है यह विंटर सुपरफूड फल, रसोई में इससे बनते हैं कई स्वादिष्ट व्यंजन, सेहत के लिए भी है फिट

Last Updated:December 01, 2025, 07:44 IST
शकरकंद खाने के फायदे: शकरकंद सर्दियों में ऊर्जा और गर्माहट देने वाला प्राकृतिक फूड है. इसमें विटामिन, फाइबर, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो पाचन सुधारते, थकान दूर करते और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. इसे उबालकर, भूनकर या सूप में शामिल किया जा सकता है. मधुमेह या किडनी स्टोन के मरीज सीमित मात्रा में सेवन करें. बच्चों और बुजुर्गों के लिए उबला या भुना शकरकंद सबसे सुरक्षित है.
सर्दियों में बाजारों में दिखाई देने वाला शकरकंद न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि ऊर्जा बढ़ाने वाला प्राकृतिक फूड भी माना जाता है. कड़ाके की ठंड में शरीर को गर्माहट देने और लंबे समय तक पेट भरा रखने की क्षमता के कारण इसकी मांग बढ़ जाती है. स्ट्रीट फूड से लेकर घरों की रसोई तक यह कई रूपों में खाया जाता है. शकरकंद में मौजूद प्राकृतिक मिठास इसे सामान्य आलू की तुलना में ज्यादा पौष्टिक बनाती है. यह बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक सभी के लिए फायदेमंद होती है.

हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. रेणुका डांग के अनुसार, शकरकंद में विटामिन A, C, B6, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पाई जाती है. इसके अलावा इसमें प्राकृतिक शर्करा, बीटा कैरोटीन और जटिल कार्बोहाइड्रेट मौजूद होते हैं, जो शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करते हैं. इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह धीरे-धीरे पचता है और ब्लड शुगर को अचानक बढ़ने से रोकता है. यही वजह है कि इसे पोषक तत्वों से भरपूर विंटर सुपरफूड कहा जाता है.

शकरकंद को उबालकर, भूनकर, चैट बनाकर या सूप के रूप में आसानी से खाया जा सकता है. सर्दियों में इसे शाम के नाश्ते या दोपहर के हल्के भोजन में शामिल करना सबसे फायदेमंद माना जाता है. उबला शकरकंद नींबू, काला नमक और हल्के मसालों के साथ बेहद पचने योग्य हो जाता है. आयुर्वेद के अनुसार इसे दिन में खाना अधिक लाभकारी है, क्योंकि रात में इसका भारीपन पाचन को धीमा कर सकता है. जिन लोगों को वजन नियंत्रित रखना है, वे इसे भूनकर या स्टीम करके खाया जा सकता है.
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डॉ. रेणुका डांग ने बताया कि शकरकंद आंखों की रोशनी मजबूत करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और त्वचा को पोषण देने में मदद करता है. इसका फाइबर पाचन सुधारता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देता है. वहीं, डायबिटीज के मरीज भी सीमित मात्रा में इसे खा सकते हैं, क्योंकि यह धीरे-धीरे ऊर्जा छोड़ता है. इसमें मौजूद पोटैशियम रक्तचाप को संतुलित रखने में सहायक होता है और थकान दूर करता है. ठंड के मौसम में यह शरीर को प्राकृतिक गर्माहट देकर ऊर्जा स्तर बढ़ाने में काफी प्रभावी माना जाता है.

हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. रेणुका डांग के अनुसार, शकरकंद के अनेकों फायदे हैं और फायदों के साथ कुछ नुकसान भी जुड़े हैं. अधिक मात्रा में शकरकंद खाने से ब्लड शुगर बढ़ सकता है, खासतौर पर अगर इसे तला हुआ खाया जाए. इसमें मौजूद ऑक्सलेट्स किडनी स्टोन की समस्या वाले लोगों के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं. इसके साथ ही यह भारी भोजन माना जाता है, इसलिए कमजोर पाचन वाले लोगों को इसकी मात्रा नियंत्रित रखनी चाहिए. गैस, पेट फूलना या हल्की जलन जैसी समस्याएं अधिक सेवन पर दिखाई दे सकती है.

शकरकंद खाने से पहले इसे अच्छी तरह धोकर पकाया जाना चाहिए, क्योंकि इसकी सतह पर मिट्टी और बैक्टीरिया होते हैं. इसके अलावा मधुमेह, किडनी स्टोन या थायरॉयड के मरीज चिकित्सक की सलाह से ही इसका सेवन बढ़ाएं. खाली पेट इसे न खाएं, इससे एसिडिटी बढ़ सकती है. बच्चों और बुजुर्गों के लिए उबला या भुना शकरकंद सबसे सुरक्षित विकल्प है. सर्दियों में संयमित मात्रा में शामिल करने पर यह ऊर्जा, गर्माहट और पोषण तीनों का बेहतरीन स्रोत बन जाता है.
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December 01, 2025, 07:44 IST
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फाइबर से भरपूर है यह विंटर सुपरफूड फल, सेहत को भी पूरी तरह से रखता है फिट



