धौलपुर का ये महिला आजीविका मॉडल कई देशों में हुआ फेमस, जर्मनी सहित फ्रांस और कनाडा से देखने आई टीम
रिपोर्ट- धर्मवीर बघेल
धौलपुर: राजस्थान के धौलपुर जिले में मंजरी फाउंडेशन का आजीविका मॉडल अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है. पिछले महीने पश्चिम अफ्रीका के 15 सदस्यों ने यहां के मॉडल का 15 दिन धौलपुर में रहकर अध्ययन किया. अब जर्मनी, फ्रांस, कनाडा और माली देशों के 7 सदस्यों का दल इस महिला आजीविका के मॉडल को देखने और समझने धौलपुर पहुंचा है.
बिजौली गांव में मंजरी फाउंडेशन और उनसे जुडी महिला उद्यमियों ने जर्मनी, कनाडा, फ्रांस और पश्चिम अफ्रीका से धौलपुर में प्रशिक्षण के लिए आए 7 प्रतिनिधियों के साथ आगे के सहयोग के बारे में विस्तार से चर्चा की. बिजौली में अपनी सहेली प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड में विजिट कर कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के साथ मुलाक़ात की. प्रोडक्ट बनाने से लेकर बाजार तक पहुंचाने की प्रक्रिया को समझा. इसके बाद इन्होंने पिपरेट गांव विजिट कर ग्राम विकास समिति के सदस्यों के साथ मुलाक़ात कर मंजरी फाउंडेशन द्वारा बनाये आंगनवाड़ी, ओपन जिम और स्कूल आदि से जुड़े कार्यों को भी देखा.
बसई नबाब में ग्राम संगठन और फ़ेडरेशन से जुडी जानकारी प्राप्त कर महिलाओं के जीवन में हो रहे परिवर्तनों को जाना. मंजरी फाउंडेशन के सुबोध गुप्ता ने लोकल 18 को बताया कि इस तीन दिवसीय विजिट के दौरान ये दल स्वयं सहायता समूहों, ग्राम संगठन, फ़ेडरेशन की कार्यप्रणाली, आजीविका से जुड़े कार्य और बाजार तक पहुंच आदि का अध्ययन कर अपने यहां की सम्भावनाओं को तलाशेगा.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान और पश्चिमी अफ्रीका की भौगोलिक परिस्थितियों के साथ ही महिला किसानों के मुद्दे एक समान ही हैं. इस वजह से यहां की महिला किसान और उनकी उद्यमिता का मॉडल अफ्रीकी महाद्वीप के दो देशों तक पहुंच चुका है. कनाडा से आई जेनिफर ने बताया कि धौलपुर की महिलाओं ने सेनेगल और माली देशों में जाकर स्वयं सहायता समूह, ग्राम संगठन और फेडरेशन बनाने और उन्हें संचालित करने की पद्धति के बारे में बताया. इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के उत्पादों के निर्माण का प्रशिक्षण भी दिया. आज इन देशों की महिलाएं वर्षभर में करीब 17 करोड़ की बचत करती हैं. इसी मॉडल का अध्ययन करने दूसरे देशों के लोग धौलपुर पहुंचे हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 3, 2024, 20:53 IST