वास्तु दोष को मिटाता है ये पीले फूल वाला पौधा, आयुर्वेद के लिए वरदान! उतर जाता है सांप-बिच्छू का जहर
जयपुर:- भारतीय हिंदू परंपरा में पेड़ और पशु-पक्षियों को भी भगवान का रूप माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, कुछ पेड़ ऐसे हैं, जो देवी-देवताओं के प्रिय हैं. उन पेड़-पौधों की पूजा अर्चना करने और उन्हें घर में लगाने पर जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है. ऐसा ही एक पौधा कनेर है, जो सुख शांति का प्रतीक माना जाता है.
मान्यताओं के अनुसार, कनेर के पौधे को घर में लगाने से सुख,समृद्धि और धन संपन्नता का आगमन होता है. इसके फूल आकर्षक और अलग-अलग रंग के होते हैं, जो देखने में बहुत सुंदर नजर आते हैं. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने लोकल 18 को बताया कि वास्तु शास्त्र के अनुसार सफेद और पीले रंग कनेर का फूल घर में लगाना चाहिए. इसके अलावा आयुर्वेद में भी कनेर का बड़ा महत्व है.
घर में क्यों लगाना चाहिए कनेर का पौधाधर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि कनेर के पौधे का संबंध देवी लक्ष्मी से माना जाता है. कनेर के पौधे को घर में लगाने से धन की देवी का वास स्थापित होता है. घर में मौजूद नकारात्मक शक्ति और बाधा दूर हो जाती है. कनेर के पौधे को घर में लगाने से शुभता बढ़ती है, धन लाभ के योग बनते हैं, अटका हुआ काम जल्दी पूरा हो जाता है, घर में सकारात्मता बढ़ती है. इसके अलावा वास्तु दोष भी दूर होने लगता है.
सफेद और पीले रंग के फूल वाला कनेरइसके अलावा पंडित घनश्याम शर्मा ने Local 18 को बताया कि कनेर के पौधे को घर में लगाने से सुख, समृद्धि और संपन्नता का आगमन होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, सफेद और पीले रंग के कनेर का फूल घर में लगाना चाहिए. इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. घर में लाल रंग के कनेर फूल वाले पौधा नहीं लगाना चाहिए. लाल रंग का कनेर अशुभ होता है. सफेद और पीले रंग के पौधे को घर में पश्चिम या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए.
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कनेर के फूल और पौधे के आयुर्वेदिक फायदेआयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि सफेद कनेर की जड़ को गाय के पेशाब में घिसकर लगाने से दाद ठीक होता है. सफेद कनेर की जड़ को घिसकर डंक पर लेप करने या इसके पत्तों का रस पिलाने से सांप या बिच्छू का जहर उतर जाता है. कनेर के पत्तों में खुजली कम करने वाले गुण होते हैं, इसके लिए कनेर के पत्तों को लौंग या पुदीना के तेल में पकाकर इस तेल का इस्तेमाल करने से तुरंत आराम मिलता है.
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FIRST PUBLISHED : October 15, 2024, 11:05 IST
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