OMG: दामाद से मजाक और मूर्तियों का रहस्य…जानिए नागौर की ये रोचक कहानी
रिपोर्ट-कृष्ण कुमार
नागौर. फरड़ौद गांव में एक जगह कई ऐसी मूर्तियां हैं, जिनका रहस्य आज तक नहीं सुलझ पाया है. यह मूर्तियों की स्थापना यहां कब हुई, कैसे हुई इसको लेकर कोई सटीक इतिहास तो नहीं है, लेकिन इन मूर्तियों को लेकर ग्रामीणों में तरह तरह की किंवदंतियां हैं.
क्या है इतिहास
ग्रामीण सुरेश ने बताया कि इन मूर्तियों में 965 से लेकर 1375 तक सन् अंकित हैं. लेकिन यह मूर्तियां आज तक रहस्य बनी हुई हैं. ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर नराधनु गांव के फरड़ौद गांव का दामाद जब अपनी पत्नी को लेने यहां आया तो महिलाओं द्वारा दामाद की चारपाई पर मिट्टी के घड़े बांधकर गांव की तालाब में तैरा दिया. दामाद की नींद खुलने पर अपने चारों ओर पानी देखकर उसकी मृत्यु हो गई. नराधनु गांव के व्यक्ति ने उन महिलाओं को एक बाड़े में बंद करके जिंदा जला दिया, तब से यह रहस्यमयी मूर्तियां धरती से स्वयं प्रकट हुई हैं.
आज तक कोई नहीं गिन पाया इन मूर्तियों को
सुरेश ने बताया कि इन मूर्तियों को कोई नहीं गिन पाया है. जब इन मूर्तियों की गिनती करेंगे, तो हर बार गिनती अलग आ जाती है. आज तक यह बात रहस्य बनी हुई है. ग्रामीणों ने बताया कि यहां के राजा पूर्णमल द्वारा इन मूर्तियों को घोडे़ की रस्सी में बांधकर गिना गया तो, भी इनकी गिनती नहीं हो पाई. दूसरी बार गिनने पर मूर्तियों की संख्या अलग आयी. इसी कारण यह मूर्तियां रहस्यमयी हैं.
मंदिर में दी जाती थी नरबलि
ग्रामीणों ने इन मूर्तियों को लेकर ग्रामीणों में तमाम तरह की किंवदंती है, जिनमें एक यह है कि प्राचीन समय में यहां पर नरबलि होती थी. चार-पांच गांवों में से किसी भी व्यक्ति की बलि दी जाती थी. जिसकी बलि देनी होती थी वह व्यक्ति अपने आप भैरू के मंदिर के समक्ष आकर खड़ा हो जाता था और अपने आप उसकी मुत्यु हो जाती थी. इन बलियों की गिनती नहीं होती थी. इसी कारण यह मूर्तियां प्रकट हुई हैं.
यहां पर स्थित है यह मूर्तियां
नागौर जिले के जायल उपखण्ड के फरड़ौद गांव में यह मूर्तियां स्थित हैं. जिसका आज तक रहस्यमयी इतिहास है. वर्तमान समय मे भी आज तक कोई इन्हें नही गिन पाया है.
यह धार्मिक मान्यताओं पर आधारित स्टोरी है, न्यूज 18 लोकल इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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FIRST PUBLISHED : December 14, 2022, 18:52 IST