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क्या ट्रेनी डॉक्टर को पता चल गई थी RG Kar Hospital की काली सच्चाई? कई थ्योरी में उलझी CBI, कुछ तो गहरा छिपा है!

कोलकाता/अभिजीत मजूमदार. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की जांच के साथ सीबीआई एक ऐसे जटिल और कठिन हालात में पहुंच गई है, जहां से कई खुलासे हो सकते हैं. घटना को लेकर पश्चिम बंगाल में अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. जैसे कि मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में राज्यव्यापी नकली दवा रैकेट, नकद या सेक्स के लिए अंक घोटाला, वेश्यावृत्ति गिरोह, या यहां तक ​​कि नेक्रोफिलिया से जुड़े वीडियो को लेकर सीबीआई इस मामले में धोखा खा सकती है.

ये सभी थ्योरी भले ही कितने भी विचित्र क्यों न लगें, लेकिन दो बातें काफी हद मुमकिन लग रही हैं:

* पीड़िता के साथ की गई क्रूरता की सीमा, उसके अंदर पाए गए वीर्य की मात्रा पर डॉक्टरों के बयान और किसी ने उसकी चीख तक नहीं सुनी, इसे देखते हुए यह नियमित बलात्कार नहीं बल्कि पूर्व-निर्धारित सामूहिक बलात्कार और हत्या की गंध आती है. अब तक का एकमात्र गिरफ्तार आरोपी, संजय रॉय, जो अस्पताल क्षेत्र में एक ‘सनकी’ के रूप में जाना जाता है और जो कोलकाता पुलिस के लिए एक नागरिक स्वयंसेवक भी था, अपने दम पर ऐसा नहीं कर सकता था.

* जिस तत्परता के साथ घटना को छुपाने की कोशिश की गई – शुरू में इसे आत्महत्या कहने से लेकर विवादास्पद आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को उसी पद पर कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर करने तक, और 14 अगस्त की रात को आरजी कार अस्पताल में घुसकर तोड़फोड़ करने और संभवतः महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने की कोशिश करने के साथ ही भयावहता के तुरंत बाद अस्पताल के कुछ हिस्सों का रेनोवेशन करने तक – ऐसा लगता है कि इसमें कुछ बहुत बड़ा खेल चल रहा है. क्या यह मामला पश्चिम बंगाल के कुछ शक्तिशाली राजनीतिक महकमों की बुनियाद हिला सकता है? इस जवाब समय ही दे सकता है.

फिलहाल सीबीआई जांच के सामने यह सवाल है कि क्या हत्या रेप को छुपाने के लिए की गई थी या रेप, हत्या से ध्यान भटकाने के लिए किया गया था. क्या युवा ट्रेनी डॉक्टर को कुछ बड़ा मालूम चल गया था? क्या आरजी कर अस्पताल पूरी तरह से किसी खुफिया चीज़ के सेंटर में है? आख़िरकार, अस्पताल से जुड़ी कई तरह की न्यूज रिपोर्टें वर्षों से सामने आती रही हैं.

* कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में छात्र की हत्या के पीछे पोर्न गिरोह का हाथ – 7 नवंबर 2001 को टाइम्स ऑफ इंडिया की हेडिंग.* आरजी कर हाउसस्टाफ ने अस्पताल के अंदर आत्महत्या कर ली – टीओआई, 6 फरवरी, 2003 की खबर.* कमरा अंदर से बंद: आरजी कर प्रोफेसर का क्षत-विक्षत शव घर पर मिला – टीओआई, 24 अक्टूबर, 2016 की खबर.* कोलकाता: जूनियर डॉक्टर ने कोविड-19 अस्पताल की छठी मंजिल से छलांग लगाई, मौत – इंडियन एक्सप्रेस, 1 मई, 2020 की खबर.* उत्तराखंड में ट्रैकिंग के दौरान मेडिकल छात्र की मौत – टीओआई, 22 जनवरी, 2023 की खबर.* आरजी कर अस्पताल में इंटर्न की ‘ड्रग ओवरडोज़’ से मौत – टीओआई, 13 अगस्त, 2023 की मौत.

अब यह सवाल उठना लाजमी है: क्या सालों से अलग-अलग दिखने वाली ये घटनाएं वास्तव में एक सामान्य डोर से बंधी हुई हैं? बताया गया है कि सीबीआई पहले ही आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से दो बार पूछताछ कर चुकी है. यह स्पष्टतः उससे प्रश्न पूछ रहे हैं:

अभिजीत मजूमदार वरिष्ठ पत्रकार हैं. उपरोक्त अंश में व्यक्त विचार व्यक्तिगत और केवल लेखक के हैं. वे आवश्यक रूप से के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं.

Tags: CBI Probe, Kolkata Police, West bengal

FIRST PUBLISHED : August 17, 2024, 23:56 IST

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