खटमल और मच्छर की वजह से खतरे में पड़ सकती है हजारों जिंदगियां, रेलवे बोर्ड में मची खलबली, आया नया फरमान – railway running room bedbugs mosquito terror loco pilots complaint railway board directive to all zones train accident

नई दिल्ली. खटमल और मच्छर किसी की भी नींद खराब कर सकते हैं. वे ट्रेनों के लिए भी खतरा पैदा कर सकते हैं. जी हां! आपको यह सुनने में अजीब जरूर लग रहा होगा, लेकिन यह हकीकत है. यह बात रेलवे रनिंग रूम में रखी कंप्लेन बुक में दर्ज शिकायतों से सामने आई है. रनिंग रूम वह जगह होती है, जहां लोको पायलट यानी ट्रेन के ड्राइव ड्यूटी पूरी करने के बाद आराम करते हैं. रनिंग रूम में खटमल और मच्छरों की वजह से लोका पायलट नींद पूरी नहीं कर पा रहे हैं. उनकी शिकायतों की संख्या काफी अधिक है. अब इस पर कार्रवाई करते हुए रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को तुरंत इसका समाधान करने का निर्देश दिया है. खराब खाना, गंदे कमरे और खराब AC को लेकर भी काफी शिकायतें की गई हैं.
एक लोको पायलट और उनके असिस्टेंट ने 28 अगस्त को उत्तर पश्चिम रेलवे जोन के अजमेर डिवीजन में एक रनिंग रूम की कंप्लेन बुक में लिखा, ‘मैं कमरा नंबर 10 में खटमलों के कारण रात 12.30 बजे से जाग रहा हूं. अधूरे आराम के कारण मैं असहज महसूस कर रहा हूं. इससे ट्रेन ऑपरेशन को नुकसान हो सकता है.’ पर्यवेक्षक ने अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में लिखा कि उन्होंने 31 अगस्त को कीट नियंत्रण और चूहों को भगाने संबंधी सेवा के लिए आदेश दिया था और समस्या का समाधान हो गया है. मध्य रेलवे जोन के अंतर्गत नागपुर मंडल के बल्हारशाह रनिंग रूम में एक सहायक लोको पायलट ने इसी तरह का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि खटमलों के बारे में उसकी पिछली शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.
सैकड़ों जान का रखवाला बना ट्रैकमैन, 500 मीटर दौड़कर रुकवाई राजधानी एक्सप्रेस, टाला बड़ा हादसा
‘नींद पूरी नहीं हुई तो काम कैसे करेंगे’सहायक लोको पायलट ने लिखा, ‘खटमलों की समस्या पहले भी थी और अब भी रनिंग रूम के कमरा संख्या 15, 16 या 17 में बनी हुई है. अब चूहे भी एक समस्या बन गए हैं. रनिंग रूम में आराम करने की बजाय हम परेशान हो जाते हैं. अगर हमें पूरी नींद नहीं मिलेगी तो हम अपना काम कैसे करेंगे.’ सुपरवाइजर ने हालांकि शिकायत पर की गई कार्रवाई कॉलम में लिखा है कि 21 जून के बाद से उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने लिखा, ‘हम समय-समय पर कीट नियंत्रण उपाय अपनाते रहते हैं.’ उन्होंने कहा कि सहायक लोको पायलट की शिकायत के बाद समुचित जांच की गई तथा कीटनाशकों का छिड़काव किया गया. पर्यवेक्षक ने कहा, ‘चूहा पकड़ने वाला उपकरण भी उपलब्ध कराया गया है.’
अन्य रेल मंडलों में भी समस्याअन्य रनिंग रूम की कंप्लेन बुक से पता चलता है कि खटमल का प्रकोप अन्य रेल मंडलों में भी है. सोलापुर रेल मंडल के कुर्दुवाड़ी जंक्शन के रनिंग रूम में लोको पायलटों ने खटमल की शिकायत की है. एक मेल ट्रेन के लोको पायलट ने शिकायत करते हुए लिखा, ‘केडब्ल्यूआर (कुर्दुवाड़ी जंक्शन) रनिंग रूम के बेड संख्या 7 पर खटमल रेंग रहे थे, जिसके कारण मेरी नींद में खलल पड़ा और मुझे बीच में ही बिस्तर बदलना पड़ा. कृपया इस समस्या का समाधान करें, ताकि अन्य कर्मचारियों को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े.’ खटमलों के अलावा मच्छर भगाने वाली दवाओं की कमी, खराब स्वच्छता और भोजन की क्वालिटी तथा खराब AC कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें लोको पायलट अक्सर शिकायत पुस्तिका में उठाते हैं.
Tags: Indian railway, Indian Railway news, National News
FIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 21:54 IST