Rajasthan

Three aneurysms formed, patient saved despite two bursting | तीन एन्युरिज्म बने, दो फटने के बावजूद मरीज को बचाया

locationजयपुरPublished: Oct 07, 2023 10:10:33 pm

जयपुर. आमतौर पर ब्रेन की नस में एक भी गुब्बारा (एन्युरिज्म) बनता है तो मरीज की जान खतरे में आ जाती है। लेकिन डॉक्टर्स ने हाल ही में एक ऐसे मरीज की जान बचाई, जिसके ब्रेन में तीन एन्युरिज्म बन गए थे और उनमें से दो फट भी चुके थे।

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तीन एन्युरिज्म बने, दो फटने के बावजूद मरीज को बचाया

जयपुर. आमतौर पर ब्रेन की नस में एक भी गुब्बारा (एन्युरिज्म) बनता है तो मरीज की जान खतरे में आ जाती है। लेकिन डॉक्टर्स ने हाल ही में एक ऐसे मरीज की जान बचाई, जिसके ब्रेन में तीन एन्युरिज्म बन गए थे और उनमें से दो फट भी चुके थे।
मरीज बेहोशी की हालत में हॉस्पिटल पहुंचे थे। यहां से पहले वे अन्य सेंटर्स पर भी गये लेकिन मामले की गंभीरता देखते हुए कहीं भी भर्ती नहीं किया जा सका। हमने चुनौती स्वीकारते हुए उन्हें भर्ती किया और एक ही सिटिंग में तीनों एन्युरिज्म में क्लिपिंग कर दी गई।
न्यूरोसर्जन डॉ. संजीव सिंह ने बताया कि रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल में हुए इस प्रोसीजर में चार घंटे का समय लगा। इसके बाद उन्हें कुछ दिनों आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था और ट्रिक्योस्मी करके धीरे धीरे वेंटिलेटर से हटा लिया गया। प्रोसीजर के 12 दिन बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
डॉक्टर ने एन्युरिज्म के बारे में जानकारी दी कि हमारे दिमाग में रक्त संचार के लिए खून की नसें होती हैं | कई कारणों से नसों की भित्ति में कमजोरी आने पर बहते रक्त के दबाव से नसों में गुब्बारें की तरह फुलावट आ जाती हैं। इस स्थिति को ब्रेन एन्युरिज्म कहते हैं। एन्युरिज्म फट जानें पर दिमाग में हेमरेज (hemorrhage) हो जाता हैं, जोकि बहुत हे तेज़ सिरदर्द का कारण होता हैं। कई केसेस में उसी दौरान मरीज की मृत्यु भी हो सकती हैं। इसीलिए ब्रेन एन्युरिज्म के लक्षण दिखने पर बिना देर किए मरीज को विशेषज्ञ के पास लाना चाहिए जिससे उसे बचाया जा सके।

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