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गंजेपन से बचने के लिए करवा रहे हेयर ट्रीटमेंट? इन 5 बातों का रखें ध्यान, वरना फैल सकता है इंफेक्शन

Last Updated:March 18, 2025, 10:52 IST

Hair Treatment and Infection: हेयर सलून और अन्य लोकल दुकानों पर हेयर ट्रीटमेंट कराना खतरनाक हो सकता है. इससे आंखों में इंफेक्शन फैल सकता है और चेहरे पर सूजन आ सकती है. इस तरह के ट्रीटमेंट हमेशा एक्सपर्ट से करवा…और पढ़ेंगंजेपन से बचने के लिए करवा रहे हेयर ट्रीटमेंट? 5 बातों का रखें ध्यान, वरना...

हेयर ट्रीटमेंट हमेशा डॉक्टर से ही करवाना चाहिए.

हाइलाइट्स

हेयर ट्रीटमेंट हमेशा एक्सपर्ट से ही करवाना चाहिए.लोकल दुकानों पर हेयर ट्रीटमेंट से इंफेक्शन का खतरा.ट्रीटमेंट के बाद प्रॉपर मेडिसिन और मॉनिटरिंग जरूरी.

Hair Treatment Precautions: पंजाब के संगरूर में हेयर लॉस से बचाने के लिए एक मंदिर में फ्री कैंप लगाया गया. इसमें कई लोगों को दोबारा बाल उगाने वाला तेल लगवाया गया. इससे 65 लोगों की आंखों में इंफेक्शन फैल गया. इन सभी लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा. पुलिस ने कैंप का आयोजन करने वाले 2 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. हेयर ट्रीटमेंट के बाद इंफेक्शन का यह कोई नया मामला नहीं है. अब तक तमाम ऐसे केस सामने आ चुके हैं, जहां हेयर सलून और अन्य जगहों पर हेयर ट्रीटमेंट के चक्कर में लोग इंफेक्शन का शिकार हो गए. अब सवाल है कि हेयर ट्रीटमेंट में ऐसा क्या किया जाता है, जिसकी वजह से आंखों और स्किन का इंफेक्शन फैलने का खतरा होता है? इसका जवाब डॉक्टर से जानने की कोशिश करते हैं.

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के कॉस्मेटिक एंड प्लास्टिक सर्जन डॉ. रमन शर्मा ने को बताया कि हेयर ट्रांसप्लांट और अन्य हेयर लॉस ट्रीटमेंट को एक्सपर्ट डॉक्टर की देखरेख में अच्छे हॉस्पिटल में करवाया जाए, तो इंफेक्शन का रिस्क बेहद कम होता है. आजकल हेयर सलून और पार्लर जैसी जगहों पर भी हेयर ट्रीटमेंट किए जा रहे हैं, जहां डॉक्टर की देखरेख में ट्रीटमेंट नहीं होता है. इसकी वजह से इंफेक्शन फैल जाता है. बाजार में तमाम प्रोडक्ट हेयर लॉस से बचाने का दावा करते हैं, जिनमें हैवी केमिकल्स होते हैं. एक्सपर्ट की सलाह के बिना इनका इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है. लोगों को हेयर ट्रीटमेंट हमेशा सही डॉक्टर से करवाना चाहिए, ताकि इंफेक्शन से बचा जा सके.

किस तरह किया जाता है हेयर ट्रीटमेंट?

डॉक्टर रमन शर्मा के मुताबिक हेयर ट्रीटमेंट कई तरह के होते हैं और इनमें DGCI से अप्रूव्ड मेडिसिन इस्तेमाल की जाती हैं. ये मेडिसिन टेस्टेड होती हैं और इनका इस्तेमाल करने से पहले कई तरह के टेस्ट कराए जाते हैं. अगर किसी व्यक्ति को इन दवाओं से एलर्जी होती है, तो इन दवाओं का यूज नहीं किया जाता है. डॉक्टर्स हेयर ट्रांसप्लांट से पहले एनस्थीसिया का भी टेस्ट करते हैं, ताकि व्यक्ति को किसी तरह का खतरा न हो. इसके अलावा हेयर ट्रीटमेंट के बाद एंटी-एलर्जिक और एंटीबायोटिक दवाएं भी देते हैं. जरूरत पड़ने पर स्टेरॉयड भी देते हैं. आमतौर पर ऐसा स्वैलिंग, इंफेक्शन और एलर्जी से बचाने के लिए किया जाता है. जब हेयर सलून और लोकल दुकानों में हेयर ट्रीटमेंट दिए जाते हैं, तब लोगों को मेडिसिन भी नहीं मिलती हैं, जिससे खतरा पैदा होता है.

हेयर ट्रीटमेंट कराते वक्त किन बातों का रखें ध्यान?

एक्सपर्ट ने बताया कि लोगों को किसी भी तरह का हेयर ट्रीटमेंट डॉक्टर की सलाह पर अच्छे हॉस्पिटल में लेना चाहिए. किसी भी तरह का ट्रीटमेंट कराने से पहले जरूरी टेस्ट कराने चाहिए. ट्रीटमेंट के बाद प्रॉपर मेडिसिन लेनी चाहिए और मॉनिटरिंग करनी चाहिए. अपनी मर्जी से किसी भी तरह का प्रोडक्ट यूज नहीं करना चाहिए, जिससे इंफेक्शन का खतरा न हो. कई बार लोग डाई लगा लेते हैं और उससे भी माथे, स्किन और आंखों पर सूजन आ जाती है. ऐसे में लोगों को किसी भी तरह की डाई नहीं लगानी चाहिए और इस बारे में डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए. अगर आप हेयर रीग्रो करने के लिए दवाएं लेते हैं, तो वे दवाएं भी अप्रूव्ड होनी चाहिए और एक्सपर्ट की देखरेख में ही लेनी चाहिए.


First Published :

March 18, 2025, 10:52 IST

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