बेटी की शादी करवाने के लिए परिवार ने रचा बड़ा खेल, पुलिस ने पहुंचकर कर दिया ‘खेला’, आधार कार्ड ने खोला राज

Last Updated:May 11, 2025, 09:28 IST
Jhunjhunu News : झुंझुनूं में एक परिवार को अपनी नाबालिग बेटी की शादी करवाने के लिए खेला गया ‘खेल’ उन पर ही उलटा पड़ गया. मामले की शिकायत आने के बाद पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर शादी रुकवा दी. जानें क्या …और पढ़ें
पुलिस और प्रशासन ने फिलहाल शादी को रुकवा दिया है.
हाइलाइट्स
पुलिस ने नाबालिग की शादी रुकवाई.आधार कार्ड से बच्ची की उम्र 16 साल पाई गई.परिजनों को बाल विवाह ना करने की चेतावनी दी गई.
झुंझुनूं. जिले के नवलगढ़ कस्बे में एक नाबालिग बच्ची के शादी करवाने के लिए उसके परिजनों उसका झूठा जन्म प्रमाण-पत्र बनवा लिया. बच्ची के परिजन उसके बालिग होने के संबंध में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाए हैं. लिहाजा यह शादी रुकवा दी गई है. इस बच्ची की 12 मई को शादी होने वाली थी. शादी के कार्यक्रम शुरू हो गए थे. लेकिन इस बीच मिली सूचना के आधार पर पुलिस उसके घर पहुंच गई और शादी रुकवा दी. यह पूरा मामला खासा चर्चा में बना हुआ है.
जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रन की डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर चेतना शर्मा ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि नवलगढ़ कस्बे के पीपली चौक इलाके में एक नाबालिग बच्ची की शादी होने जा रही है. 12 मई को सीकर जिले के जीण माता के पास गोठड़ा गांव से बारात आने वाली थी. सूचना की पहले पुष्टि की गई तो वह सही पाई गई. इसके बाद राजस्थान महिला कल्याण मंडल शाखा झुंझुनूं ने प्रशासन, पुलिस और बाल अधिकारिता विभाग को इसकी जानकारी दी.
आधार कार्ड में बच्ची की उम्र लगभग 16 साल पाई गईसूचना मिलने के बाद पूरी टीम पीपली चौक इलाके में बच्ची के घर पहुंची. वहां शादी की तैयारियां चल रही थी. टीम ने बच्ची की उम्र के संबंध में परिवार वालों से दस्तावेज मांगे. इस पर परिजनों ने उसका जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया. लेकिन वह प्रमाण-पत्र इसी साल मार्च में यानी दो महीने पहले ही बनवाया गया था. उसके अनुसार बच्ची का जन्म 2006 में हुआ था. लेकिन जब बच्ची का शैक्षणिक रिकॉर्ड और आधार कार्ड मांगे गए तो परिजन फंस गए. आधार कार्ड में बच्ची की उम्र लगभग 16 साल पाई गई.
परिजनों को शादी ना करने के लिए पाबंद किया गया हैप्रारंभिक तौर पर मामला बाल विवाह का मानते हुए परिजनों को शादी ना करने के लिए पाबंद किया गया है. चेतना शर्मा ने बताया कि यदि परिजन बच्ची की उम्र संबंधी पुख्ता दस्तावेज प्रस्तुत कर देते हैं तो उसे बालिग माना जाएगा. वरना इसे बाल विवाह मानते हुए शादी रुकवाई गई है. बच्ची ने इसी साल कक्षा आठ तक पढ़ाई कर स्कूल छोड़ा है. लेकिन उसका प्रमाण पत्र संदेह के घेरे में है. बताया जा रहा है कि बच्ची की शादी में कोई व्यवधान ना आए इसलिए ही दो महीने पहले यह जन्म प्रमाण पत्र बनवाया गया था. प्रशासन की ओर से इसकी जांच की जा रही है. यदि यह फर्जी पाया जाता है तो बच्ची के परिजनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई हो सकती है.
Sandeep Rathore
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से से जुड़े हैं.
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से से जुड़े हैं.
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