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जान बचाने के लिए लड़के से ‘लड़की’ बन गए युवक, फंसाने लगे विदेशी शिकार, चाइनीज एक्टर की बदौलत ऐसी मिली मुक्ति

Last Updated:March 22, 2025, 13:37 IST

Jhunjhunu News : झुंझुनूं के नौ युवक म्यांमार के घने जंगलों में साइबर ठगी के अड्डों पर फंस गए थे. उन्हें वहां नारकीय जिंदगी जीने के लिए मजबूर किया. साइबर ठगी के लिए उन्हें लड़कों से लड़की बनना पड़ा. इन युवकों क…और पढ़ेंजान बचाने के लिए लड़के से 'लड़की' बन गए युवक, फंसाने लगे विदेशी शिकार

साइबर ठगों ने शिकार फंसाने की ट्रेनिंग दी.

हाइलाइट्स

झुंझुनूं के नौ युवक म्यांमार में साइबर ठगी के अड्डों पर फंसे थे.उन्हें लड़कियों के रूप में अमेरिकन और यूरोपियन लोगों से चैट करनी पड़ी.चाइनीज एक्टर वांग जिंग की मदद से उन्हें मुक्त किया गया.

झुंझुनूं. थाईलैंड की सीमा पर म्यांमार के घने जंगलों में साइबर ठगी के अड्डों से गुलामी की जिंदगी जी रहे लोगों को बाहर निकालकर उनको उनके देश भेजा जा रहा है. 10 और 11 मार्च को दो चरणों में 540 भारतीयों को भी वापस लाया गया है. इनमें से 25 से 30 युवा राजस्थान के हैं. इनमें से अब तक नौ युवा ऐसे सामने आए हैं जो शेखावाटी के झुंझुनूं जिले से हैं. म्यांमार की साइबर ठगी की गुलामी से बाहर निकलकर अपने घर लौटे ये युवा आज भी दहशत में हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें कैसे एक लड़की बनाकर अमेरिकन और यूरोपियन देशों के लोगों से चैट करवाया जाती थी. बाद में चाइनीज और ताइवानी लोग उनसे ठगी करते थे.

ठगों के चंगुल से छूट कर आए झुंझुनूं जिले के सुलताना गांव सतवीर ने बताया कि उसने सोशल मीडिया पर जब नौकरी की तलाश शुरू की तो उसे एक अज्ञात व्यक्ति ने थाईलैंड में नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया. विदेश में नौकरी कर परिवार चलाने की उम्मीद में सतवीर जयपुर से मुंबई होते हुए थाईलैंड पहुंच गया. थाईलैंड पहुंचने तक सब ठीक था. लेकिन बाद में उसे कंपनी के प्रतिनिधि के नाम पर कुछ लोग अपने साथ ले गए और डंकी रूट से म्यांमार पहुंचा दिया. तब तक सतवीर को यह भी पता नहीं था कि वह कहां पहुंच गया.

आर्मी कैंप में भेजने की धमकी दी जाती थीबकौल सतवीर जैसे-जैसे दिन बीते उसे वहां की गतिविधियां संदिग्ध लगने लगी. इसके बाद कुछ चाइनीज और ताइवानी लोगों ने सतवीर को साइबर ठगी करने के लिए मजबूर किया. सतवीर को ट्रेनिंग दी गई कि किस तरह से उसे लड़की बनकर सोशल मीडिया के माध्यम से अमेरिकन और यूरोपियन देशों के लोगों को प्रेम जाल में फंसाना है. सतवीर ने बताया कि वह इस तरह का काम करने के लिए नहीं गया था फिर भी उससे वो काम करवाया गया. उसे टास्क दिया जाता था कि वह सोशल मीडिया पर चैटिंग कर सामने वाले व्यक्ति की डिटेल ले. जब डिटेल पहुंच जाती थी तो चाइनीज और ताइवानी लोग उस व्यक्ति से साइबर ठगी करते थे. यदि काम नहीं करते तो उन्हें प्रताड़ित किया जाता था. आर्मी कैंप में भेजने की धमकी दी जाती थी. वह किसी बुरी जेल से कम नहीं था.

भारी-भरकम फाइन लगाने की धमकी दी गईऐसा ही एक युवक झुंझुनूं शहर का है जो अब तक डरा हुआ है. अपना नाम और चेहरा ना दिखाने की शर्त पर युवक ने आपबीती बताई. इस युवक ने बताया कि वह होटल में काम करने के लिए थाईलैंड गया था. उसे भी यह नौकरी सोशल मीडिया से ही मिली थी. लेकिन उसे म्यांमार ले जाया गया. वहां पर उसे जबर्दस्ती साइबर ठगी करवाई गई. हालांकि उसने मना कर दिया कि उसे ना तो इंग्लिश आती है और वह तो हिंदी भी ठीक से नहीं लिख सकता. इसके बाद उसे ट्रेनिंग दी गई. एक-दो महीने तक ट्रेनिंग चली. उसने ट्रेनिंग के बाद भी काम करने के लिए मना किया तो उस पर भारी-भरकम फाइन लगाने की धमकी दी गई.

चाइनीज एक्टर की बदौलत मिली मुक्तिउसके बाद उसने चैटिंग और मेल का काम शुरू कर दिया. उसने बताया कि वह नहीं चाहता था कि इस तरह कोई गलत काम करे. परिवार के लोगों से भी बातचीत होती थी. लेकिन उनके फोन टेप होते थे. अपराध के इन अड्डों पर लगी सिक्योरिटी की उन पर निगाह होती थी. इसलिए वे परिवार के लोगों को भी कुछ नहीं बता पाए. भारतीय एम्बेसी में भी कई बार ईमेल किया पर कोई जवाब नहीं आया. लेकिन जब चाइनीज एक्टर को भी साइबर ठगी का अड्डे चलाने वालों ने बंधक बनाकर ट्रेनिंग देना शुरू किया तब बवाल मचा और हमें भी आजादी मिली. इस युवक ने बताया कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि वे वापस अपने परिवार से मिल पाएंगे.

चाइनीज एक्टर वांग जिंग को भी बना लिया था बंधककहते हैं अति हर चीज की बुरी होती है. यह कहावत इंडियन है लेकिन यदि इसे साइबर ठगी में लिप्त चाइनीज और ताइवानी लोग भी समझ लेते तो जो हालात म्यांमार में हैं वो नहीं होते. दरअसल इन अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों ने चीन के एक एक्टर वांग जिंग को एक फिल्म के बहाने थाईलैंड बुलाया. फिर उसको भी अन्य लोगों की तरह बंधक बनाकर साइबर ठगी के अड्डे पर लाकर छोड़ दिया. उसे भी साइबर ठगी काम करवाने के लिए ट्रेनिंग देने लगे. लेकिन वांग जिंग के गायब होने पर ना केवल चीन ही नहीं बल्कि थाईलैंड समेत म्यांमार में भी सुरक्षा एजेंसी सतर्क हो गई.

भारत के 540 लोगों को मुक्त करवाया जा चुका हैउसके बाद वांग जिंग को साइबर ठगी के एक अड्डे से आजाद करवाया गया. इस दौरान वांग जिंग के सिर से बाल काटने से लेकर उसे अन्य कई तरह की प्रताड़ना दी गई. इस घटना के सामने आने के बाद म्यांमार में वहां की सुरक्षा एजेंसियों ने दबिशें देना शुरू किया. इसमें कई देशों के हजारों लोगों को साइबर ठगी के अड्डों से मुक्त करवाया गया. इनमें भारत के भी अब तक 540 लोगों को मुक्त करवाया जा चुका है. शेष को भी मुक्त करवाकर वापस घर भेजने की तैयारी की जा रही है. झुंझुनूं के जो नौ लोगों के नाम सामने आ रहे हैं उनमें से एक झुंझुनूं शहर से और शेष आठ अलग-अलग गांवों के बताए जा रहे हैं.


Location :

Jhunjhunu,Jhunjhunu,Rajasthan

First Published :

March 22, 2025, 13:37 IST

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