To sell crops at support price, mandatory report of Patwari in online Girdawari is abolished – News18 हिंदी

रिपोर्ट-रवीन्द्र कुमार
झुंझुनूं. किसानों को अब समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. सरकार ने रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आसान कर दी है. उन्हें अब पटवारी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए राजफैड ने समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के पोर्टल में बदलाव किया है. किसानों को अब फसल बेचने से पहले पंजीयन के लिए हल्का पटवारी के पास नहीं जाना पड़ेगा. राजफैड ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पहले से सरल कर दिया है.
ऑनलाइन गिरदावरी पर पी- 35 संख्या और पटवारी के हस्ताक्षर अब नहीं कराने होंगे. पंजीयन पोर्टल पर पी-35 की जगह शून्य दर्ज करने और गिरदावरी जारी करने की तारीख की जगह पंजीयन की तारीख दर्ज करना होगी. बस इतना करने से ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो जाएगा.
पटवारी के नखरों से मुक्ति
विभाग से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक समर्थन मूल्य पर किसानों को फसल बेचने के लिए राजफैड के ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. रजिस्ट्रेशन के लिए किसान को जनाधार कार्ड, बैंक पासबुक के अलावा खसरा गिरदावरी रिपोर्ट भी साथ लगानी होती हैं. पोर्टल पर गिरदावरी रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध हो रही है, लेकिन ऑनलाइन गिरदावरी पर पी-35 व पटवारी के हस्ताक्षर करवाना अनिवार्य था. किसान हल्का पटवारी से पी-35 और हस्ताक्षर करवाने के लिए तहसील मुख्यालय पर चक्कर लगाते थे, जिससे समय और धन की बर्बादी हो रही थी. पटवारी पटवार मंडल पर आते ही नहीं हैं.
पटवारी वसूलता था फीस
भू-अभिलेख निरीक्षक राजेश अहलूवालिया ने बताया सरकारी खरीद केंद्र पर फसल बेचने के लिए किसानों को गिरदावरी की नकल देनी होती. यह नकल पहले पटवारी निकालते थे. इसका शुल्क जमा होकर रजिस्टर में एंट्री होती थी. यही एंट्री नंबर पी-35 क्रमांक कहलाता है. अधिकांश तहसील ऑनलाइन हो गई हैं. इनकी गिरदावरी नकल अब ई-मित्र केंद्रों से भी निकाली जा सकती है. इनमें शुल्क जमा नहीं होने के कारण पी-35 क्रमांक नहीं होता.
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Tags: Local18, Wheat Procurement
FIRST PUBLISHED : April 24, 2024, 14:14 IST