Kavi Sammelan#characters of Ramayana-Mahabharata came alive# | कवियों की रचनाओं से जीवंत हुआ रामायण-महाभारत के पात्रों का कृतित्व

आजादी के अमृत महोत्सव केतहत राजस्थान संस्कृत अकादमी और कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित किए जा रहे एक महीने के माघ महोत्सव के तहत रविवार को रामायण महाभारत के पात्रों पर आधारित कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
जयपुर
Published: February 27, 2022 07:41:02 pm
रचनाओं से छलके रामायण-महाभारत के पात्रों में समाए श्रंगार, वीर, भक्ति और करूण रस
रविवार को जवाहर कला केंद्र में राजस्थान संस्कृत अकादमी की ओर से आयोजित हुआ अनूठा कवि सम्मेलन
जयपुर। आजादी के अमृत महोत्सव केतहत राजस्थान संस्कृत अकादमी और कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित किए जा रहे एक महीने के माघ महोत्सव के तहत रविवार को रामायण महाभारत के पात्रों पर आधारित कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। केंद्र के रंगायन ऑडिटोरियम में आयोजित इस अनूठे कवि सम्मेलन हमें हिंदी, राजस्थानी और संस्कृत भाषाओं के दस कवियों ने रचना पाठ किया। इन कवियों की रचनाओं में कभी दुर्योधन के दुस्साहस से उपजी व्यथा नजर आई, कभी पति के वियोग में अयोध्या में चौदह साल बिताने वाली लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला की मनोदशा का चित्रण हुआ तो कभी युद्ध से विचलित युधिष्ठिर के मनोभावों ने वहां मौजूद लोगों की आंखों के सामने ये दृश्य जीवंत कर दिए। ये कवि सम्मेलन माघ और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित संस्कृत विद्वान डॉ. पुष्कर दत्त शर्मा को समर्पित किया। कवि सम्मेलन से पूर्व जयपुर के संस्कृत मनीषी प्रोफेसर तारा शंकर पांडेय को डॉ. पुष्कर दत्त शर्मा प्रज्ञा अलंकरण से सम्मानित किया गया। कला और संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला समारोह के मुख्य अतिथि थे जबकि केन्द्रीय संस्कृत विश्व विद्यालय, नई दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रो. राधा वल्लभ त्रिपाठी ने अध्यक्षता की।
इन कवियों ने प्रस्तुत की रचनाएं
मध्यप्रदेश के प्रो.राधावल्लभ त्रिपाठी, राजस्थान के दुर्गादान सिंह गौड़, रामदेव साहू, प्रोण् रमकांत पाण्डेय, धनराज दाधीच, उत्तराखण्ड के शैलेश त्रिपाठी, नई दिल्ली के बलराम शुक्ल और गुणवीर राणा, हरियाणा के शशिकांत तिवारी और उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार मनोज ने सम्मेलन में अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।

कवियों की रचनाओं से जीवंत हुआ रामायण-महाभारत के पात्रों का कृतित्व
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