हिंदू रीति-रिवाज का अनमोल प्रतीक… शादी-ब्याह में होता है तोरण का अलग महत्व, चिरैया के रूप में है शुभ संकेत!

Last Updated:October 13, 2025, 20:27 IST
Bharatpur News: भरतपुर में शादी विवाह सीजन शुरू होते ही तोरण की मांग बढ़ी है. बढ़ई दुकानों पर पारंपरिक और आधुनिक डिज़ाइन के तोरण तैयार हो रहे हैं, जो सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखते हैं.
भरतपुर शादी और विवाह का सीजन शुरू होने से पहले ही बाजारों में हलचल बढ़ गई है. खासकर बढ़ई की दुकानों पर शादी विवाह में उपयोग होने वाले तोरण की तैयारियों में पूरी तरह व्यस्तता नजर आ रही है. तोरण जिसे आम बोलचाल में चिरैया के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू रीति-रिवाज में शादी विवाह के दौरान बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.
बढ़ई दुकानदारों का कहना है कि हर साल जैसे-जैसे शादी विवाह का सीजन करीब आता है. तोरण की मांग काफी बढ़ जाती है. यह तोरण खास तरह की लकड़ी से तैयार किया जाता है. इसे सजाने में पारंपरिक कलाकारी का इस्तेमाल किया जाता है. तोरण का आकार अक्सर पक्षियों या अन्य धार्मिक प्रतीकों के रूप में बनाया जाता है. जो घर की शोभा और शुभ संकेत के रूप में सजाया जाता है.
तोरण सिर्फ सजावट का हिस्सा नहीं है. यह शादी विवाह की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है. हिंदू धर्म में ऐसा विश्वास है कि तोरण के बिना शादी विवाह अधूरी रहती है. इसे घर के मुख्य द्वार पर लगाया जाता है जिससे शुभकामनाओं और सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत होता है. बाजार में इस समय विभिन्न आकार और डिज़ाइन के तोरण बन रहे हैं. कुछ तोरण पारंपरिक डिज़ाइन में तैयार किए जाते हैं. कुछ में आधुनिक रंग और सजावट का भी इस्तेमाल किया जाता है.
शादी के आयोजक और परिवार वाले इन तोरणों का चयन बड़े ध्यान और रुचि के साथ करते हैं. ताकि यह शादी के अवसर की गरिमा और सौंदर्य को बढ़ाए तोरण सिर्फ एक सजावटी वस्तु नहीं है. बल्कि यह सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी रखता है. यह शादी विवाह में आने वाले मेहमानों को स्वागत करने का प्रतीक है. इसलिए घर के मुख्य द्वार पर इसका होना माना जाता है.
इस सीजन में बढ़ई की दुकानें तोरण बनाने में जुटे हैं. बाजार में इसकी कीमत इसके आकार और सजावट पर निर्भर करती है. शादी विवाह के इस सीजन में तोरण की मांग बढ़ने के कारण बढ़ाई दुकानदारों का कहना है. इस साल की बिक्री पिछले साल की तुलना में अधिक होने की संभावना है. ऐसे में परिवार और आयोजनकर्ता समय रहते ही तोरण की तैयारी कर रहे हैं.
First Published :
October 13, 2025, 20:27 IST
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हिंदू रीति-रिवाज का अनमोल प्रतीक… शादी-ब्याह में होता है तोरण का अलग महत्व!