Rajasthan

4 लाख के पन्नों पर व्यापारी लिखेगा हिसाब किताब, दीपावली पर परंपरागत रूप से किया बही – खातों का पूजन

धौलपुर: आधुनिक कंप्यूटर युग में जहां व्यापारी अपने लेनदेन और स्टॉक का हिसाब-किताब कंप्यूटर और हार्ड डिस्क में सुरक्षित रखते हैं, वहीं बही खातों का क्रेज अब भी कम नहीं हुआ है. युवा व्यापारी पेपरलेस कार्य प्रणाली पर भरोसा कर रहे हैं, लेकिन पुराने व्यापारी आज भी परंपरागत बही में ही अपने हिसाब-किताब दर्ज करना पसंद करते हैं. दीपावली पर नई बही खातों की पूजा की परंपरा इस साल भी जोर-शोर से निभाई जा रही है.

बही खातों में दीपावली पर खास खरीदारीहर साल की तरह इस बार भी धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में बड़ी संख्या में व्यापारी नई बही खरीदकर अपनी शुरुआत करते हैं. बही खाते में एक बार दर्ज होने वाला हिसाब-किताब आज भी मान्य होता है और इसके लिए व्यापारियों को किसी अतिरिक्त सबूत की आवश्यकता नहीं होती. व्यापारी परंपरागत रूप से नई बही पर स्वास्तिक चिह्न बनाकर लक्ष्मी पूजन करते हैं और नया हिसाब दर्ज करते हैं.

कंप्यूटर के बावजूद बही का महत्व बरकरारजीएसटी लागू होने के बाद व्यापार में कंप्यूटर का उपयोग बढ़ गया है और अब लगभग हर व्यापारिक संस्थान कंप्यूटर पर लेनदेन और स्टॉक का हिसाब-किताब रखता है. इसके बावजूद, बही खातों का आकर्षण अब भी बरकरार है. जिले के कई व्यापारी ऐसे हैं जिनके पास पीढ़ियों से संचित पुराने बही खाते हैं, जिनमें वर्षों पुराना हिसाब-किताब सुरक्षित है.

बही खातों की बिक्री में बढ़ोतरीबही खाता विक्रेता राकेश चंद्र गर्ग और विकास मोदी ने बताया कि धनतेरस से लेकर दिवाली तक व्यापारी बही खाता खरीदते हैं और पूजा कर उसे रख देते हैं. अधिकतर व्यापारी एक अप्रैल और दीपावली पर साल में दो बार नई बही खाते की खरीददारी करते हैं. बही खाते तीन आकारों में उपलब्ध हैं, छोटा रजिस्टर, कॉपी रजिस्टर, और बड़े रजिस्टर, जिनमें 50 से लेकर 300 पन्ने होते हैं. बही खाते का वजन 350 ग्राम से लेकर 3 किलोग्राम तक होता है और इसकी कीमत 125 रुपए से लेकर 150 रुपए प्रति किलोग्राम तक है. धौलपुर जिले में व्यापारी लाखों रुपए के बही खाते की खरीददारी करते हैं और इस साल भी यह परंपरा दीपावली पर पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ निभाई जा रही है.

Tags: Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : November 2, 2024, 15:45 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj