दशहरा पर झुंझुनू में चली आ रही परंपरा बंद, पहले इस हथियार से होता था रावण की सेना पर हमला

झुंझुनूं:- उदयपुरवाटी कस्बे में सीकर रोड़ पर स्थित नांगल नदी में हर साल की तरह इस साल भी शनिवार को दशहरा पर्व मनाया गया. जमात स्थित बालाजी मंदिर से दादूपंथियों की सेना ऊंटों पर सवार होकर ढ़ोल नगाड़े बजाते हुये शाही लवाजमा लेकर गाजे-बाजे के साथ में चूंगी न.3, जांगिड़ मौहल्ला, टिटेड़ा, पांच बत्ती, पुरानी सब्जी मंडी तिराहा, मैन बाजार, पोस्ट ऑफिस, शाकम्भरी गेट, घुमचक्कर होते हुये नांगल नदी पर शाम 6बजे पहुंची, जहां रावण के पुतले के साथ में सेना के रूप में रखे मटकों को जमात के दादुपंथियों की सेना में हसामपुर से आये राजेन्द्र ने बाण चलाकर छलनी किया. सेना को छलनी करने के बाद में विशेष रूप से आतिशबाजी कर रावण के पुतले का दहन किया गया. रावण के पुतले का दहन कर बुराई पर अच्छाई का प्रतीक पर्व मनाया गया.
बंदूकों से छलनी करने वाली परंपरा बंदरावण दहन में दादूपंथियों की सेना को बंदूक से छलनी करने की परंपरा आदिकाल से चली आ रही थी. लेकिन इस बार दादूपंथियों की आयोजक समिति के द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों से उक्त कार्यक्रम की अनुमति मांगी गई, तो नियमों का हवाला देते हुये बंदूक चलाने की अनुमति नहीं दी गई. इसके बाद में आयोजक समिति ने आदिकाल से चली आ रही परंपरा में परिवर्तन करने का निर्णय लेते हुये बाण का प्रयोग किया. प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा धार्मिक कार्यक्रमों में सहयोग नहीं करने से कस्बे में चर्चा का विषय बना रहा.
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ये लोग रहे मौजूदइस दौरान विधायक भगवानराम सैनी, थानाधिकारी राजेश बुडानिया, नगर पालिका अध्यक्ष रामनिवास सैनी, पंचायत पांचो अखाड़ों के कार्यक्रम संयोजक शिवदयाल स्वामी, पूर्व मंत्री थमायत शंकर दास स्वामी, मंत्री दयाराम स्वामी, महेंद्र दास स्वामी, आत्मप्रकाश दास स्वामी, लक्ष्मण दास स्वामी, अशोक स्वामी, अरविंद स्वामी, दीपक स्वामी, पंकज स्वामी, पार्षद घनश्याम स्वामी व आस पास के गावों के लोग मौजूद रहे.
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FIRST PUBLISHED : October 12, 2024, 23:28 IST