Rajasthan

RSS Statement – All Options For Legal Action Are Open – RSS का बयान— वैचारिक द्वेष और दुर्भावना से लगाए आरोप, कानून सम्मत कार्रवाई के सभी विकल्प खुले

ACB के दर्ज मामले में संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम का नाम आने के बाद आरएसएस के क्षेत्र कार्यवाह हनुमान सिंह राठौड़ ने जारी किया बयान

जयपुर। बीवीजी कंपनी के साथ कथित लेन-देन के वायरल आॅडियो-वीडियो को लेकर एसीबी मेें दर्ज मामले में आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम को भी आरोपी बनाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामने आया है। राष्ट्रीय स्वयंसेक संघ के क्षेत्र कार्यवाह (राजस्थान) हनुमान सिंह राठौड़ ने गुरुवार को बयान जारी आरोपों को निराधार बताया और कहा कि वीडियो तथ्यों के विपरीत है। राजनीतिक निहित स्वार्थ के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया। वैचारिक द्वेष और दुर्भावना से जारी किए गए इन आरोपों का हम खंडन करते हैं। साथ ही साफ कर दिया कि निम्बाराम हर तरह की जांच में सहयोग को तैयार हैं। कानून सम्मत कार्रवाई करने के सभी तरह के विकल्प भी खुले हुए हैं। गौरतलब है कि वीडियो 10 जून को वायरल हुआ था।

प्रताप गौरव केन्द्र में सहयोग के लिए बातचीत
राठौड़ ने कहा है कि बीवीजी इंडिया लिमिटेड कंपनी के प्रतिनिधि प्रताप गौरव केंद्र, उदयपुर में सीएसआर फण्ड द्वारा सहयोग करने का प्रस्ताव लेकर निम्बाराम के पास आए थे। निम्बाराम उनसे आग्रह किया था कि वे इस केंद्र का दौरा करें और वहां की आवश्यकताओं को समझ कर यदि उचित लगे तो इसमें सहयोग देने का तय करें। कंपनी के प्रतिनिधियों ने दौरे की तिथि तय की, लेकिन वहां पर गए ही नहीं, इसलिए सीएसआर फण्ड से किसी राशि या अन्य किसी भी रूप में सहायता का प्रश्न ही नहीं उठता।

अनर्गल आरोप लगाना चरित्र हनन के सामान
-20 अप्रेल को निम्बाराम से कंपनी के प्रतिनिधियो की भेंट या बातचीत सामान्य सामाजिक शिष्टाचार के नाते ही थी। उनकी इस सामान्य शिष्टाचार भेंट को आरएसएस में उनकी भूमिका से जोड़ना निंदनीय है।
-अलग-अलग समय और सन्दर्भ में की गई बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग कर, उन्हें जोड़कर राजनीतिक कारणों से उसके अन्य अर्थ लगाए जा रहेे हैं।
-राजनीतिक निहित स्वार्थों ने तथ्यों को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है, जबकि इस मामले में किसी प्रकार की राशि का कोई आदान प्रदान हुआ ही नहीं।इसलिए इसे भ्रष्टाचार से जोड़कर अनर्गल आरोप लगाना समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति के चरित्र हनन के सामान है।







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