Tulsi Plant Care in Winter | Tips to Protect Basil from Frost.

Last Updated:December 19, 2025, 08:49 IST
Tulsi Plant Care in Winter: सर्दियों में तुलसी को सूखने से बचाने के लिए उसे पाले और ठंडी हवाओं से बचाना अनिवार्य है. रात में पौधे को कवर करने, सीमित पानी देने और समय पर मंजरी हटाने जैसे छोटे प्रयासों से तुलसी पूरे मौसम हरी-भरी बनी रहती है. सही धूप और पोषण पौधे के जीवन को लम्बा करने में सहायक होते हैं.
सर्दियों का मौसम इंसानों के लिए सुकून भरा होता है, लेकिन नाजुक पौधों, खासकर तुलसी के लिए यह काफी चुनौतीपूर्ण रहता है. ठंडी हवाएं और पाला (Frost) तुलसी के पौधे को जल्दी नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे अक्सर पत्तियां पीली होकर गिरने लगती हैं या पौधा पूरी तरह सूख जाता है. कई घरों में यह समस्या आम है, लेकिन थोड़ी सी अतिरिक्त सावधानी और सही देखभाल से तुलसी को पूरी ठंड के दौरान हरा-भरा और सुगंधित बनाए रखा जा सकता है.

सर्दियों में तुलसी को स्वस्थ रखने के लिए सही स्थान का चुनाव सबसे महत्वपूर्ण होता है. तुलसी के गमले को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ उसे सुबह की ताजी और हल्की धूप मिल सके. ठंडी हवाओं और पाले के सीधे प्रकोप से बचाने के लिए पौधे को किसी खुले मैदान की बजाय बालकनी, ढके हुए आंगन या खिड़की के पास रखना ज्यादा सुरक्षित रहता है.

सर्दियों में तुलसी को पानी देते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इस मौसम में नमी की वजह से मिट्टी जल्दी नहीं सूखती. रोजाना पानी देने के बजाय, केवल तभी पानी दें जब आपको मिट्टी की ऊपरी सतह सूखी नजर आए. गमले में अधिक पानी जमा होने से तुलसी की जड़ें गल सकती हैं, जिससे पौधा धीरे-धीरे सूखकर खराब हो जाता है. सीमित और आवश्यकतानुसार पानी देने से तुलसी की जड़ें मजबूत बनी रहती हैं और पौधा स्वस्थ रहता है.
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सर्दियों के मौसम में तुलसी के पौधे की मिट्टी का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है. हर 10 से 15 दिन में गमले की मिट्टी की हल्की गुड़ाई (कुरेदना) जरूर करनी चाहिए. इससे मिट्टी में हवा का संचार बेहतर होता है और जड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है, जिससे पौधा अंदर से मजबूत बना रहता है. इसके अतिरिक्त, महीने में एक बार वर्मीकम्पोस्ट या अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद डालना बहुत फायदेमंद होता है. यह खाद पौधे को आवश्यक पोषण प्रदान करती है, जिससे तुलसी की पत्तियां स्वस्थ, मोटी और चमकदार नजर आती हैं.

तुलसी के पौधे पर नजर आने वाले सूखे या पीले पत्तों को समय-समय पर हटाते रहना चाहिए. इन्हें नजरअंदाज करने से पौधे की ग्रोथ रुक सकती है. जब आप इन सूखे पत्तों और कमजोर टहनियों की छंटाई (Pruning) करते हैं, तो पौधे की ऊर्जा व्यर्थ नष्ट होने के बजाय नई शाखाओं और कलियों के विकास में लगती है. इस छोटी सी देखभाल से तुलसी का पौधा न केवल घना (Bushy) होता है, बल्कि उसमें नई और हरी पत्तियां भी तेजी से निकलती हैं.

अत्यधिक ठंड और पाले के प्रकोप से तुलसी को सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतना अनिवार्य है. शीतल रातों के दौरान पौधे को किसी हल्के सूती कपड़े, जूट की बोरी या प्लास्टिक शीट से ढका जा सकता है. यह आवरण एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है जो सीधे पाले को पौधे की पत्तियों पर जमने से रोकता है. हालांकि, यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि सुबह धूप निकलने पर इस ढकाव को हटा दिया जाए, ताकि पौधे को पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा मिल सके. यह छोटा सा प्रयास तुलसी को ठंड से होने वाले नुकसान से बचाने और उसे पूरे मौसम स्वस्थ रखने में अत्यंत कारगर सिद्ध होता है.

सर्दियों में तुलसी की नियमित और सही देखभाल से यह पौधा न सिर्फ हरा-भरा रहता है, बल्कि पूरे मौसम में अपनी सुगंध और औषधीय गुण भी बनाए रखता है. वास्तव में, थोड़ी सी सावधानी और समय देकर हर घर में तुलसी को स्वस्थ रखा जा सकता है. प्रकृति के साथ जुड़ाव और इन छोटे-छोटे प्रयासों से हम अपने आंगन की इस पवित्र और गुणकारी विरासत को कड़ाके की ठंड में भी सुरक्षित रख सकते हैं.
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December 19, 2025, 08:48 IST
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सर्दियों में तुलसी सूख रही है? अपनाएं ये आसान और असरदार टिप्स!



