सरकारी स्कूल में शिक्षा का मजाक! दो टीचर, दो बच्चे और सालभर से नहीं मिला पोषाहार, विभाग ने साधी चुप्पी

Last Updated:April 21, 2025, 11:17 IST
दौसा जिले के एक सरकारी विद्यालय में शिक्षिका की लापरवाही और सुविधाओं की कमी के कारण छात्रों का नामांकन घटकर दो रह गया है. ग्रामीणों ने कई शिकायतें की हैं, लेकिन शिक्षा विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की.X
सीकरी विद्यालय में दो विद्यार्थी
पुष्पेंद्र मीना/ दौसा- सरकारी विद्यालयों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग लगातार नई योजनाएं और कार्यक्रम चला रहा है. छोटे बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए गांव-ढाणियों तक विद्यालय खोले जा रहे हैं. मगर जमीनी स्तर पर इन प्रयासों की स्थिति कहीं-कहीं चिंताजनक है. दौसा जिले के एक प्राथमिक विद्यालय की हालत ऐसी ही एक मिसाल है, जहां बच्चों को पिछले एक वर्ष से पोषाहार तक नहीं मिला.
सिर्फ दो शिक्षक और दो छात्र वाला स्कूलदौसा जिले के सिकराय उपखंड क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालय गरस्या ढाणी सीकरी में केवल दो शिक्षक कार्यरत हैं और उतने ही छात्र भी अध्यनरत हैं. इनमें से एक शिक्षिका, निशा रानी की प्रतिनियुक्ति पिपलकी विद्यालय में की गई है और वर्तमान में केवल सुषमा अग्रवाल ही यहां कार्यरत हैं. यह जिला का इकलौता ऐसा विद्यालय है, जहां छात्रों और शिक्षकों की संख्या बराबर है.
एक साल में लगातार गिरा नामांकनइस विद्यालय में एक समय छात्र संख्या ठीक-ठाक थी. जुलाई 2023 में यहां 13 छात्र-छात्राएं थे, लेकिन दिसंबर तक यह संख्या घटकर 8 रह गई. 2024 में यह और गिरकर 5 हो गई, और अक्टूबर आते-आते तीन बच्चों ने टी.सी. कटवाकर विद्यालय छोड़ दिया. वर्तमान में केवल दो ही बच्चे यहां बचे हैं. यह गिरावट शिक्षा व्यवस्था की गंभीर अनदेखी की ओर संकेत करती है.
शिक्षिका की लापरवाही बना नामांकन घटने का कारणस्थानीय सरपंच बत्तूराम मीणा का कहना है कि विद्यालय की शिक्षिका सुषमा अग्रवाल समय पर विद्यालय नहीं आती और जल्दी लौट जाती हैं. कई बार बच्चे सड़क किनारे इंतजार करते रहते हैं, जहां भारी ट्रकों का आवागमन रहता है. यह बच्चों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन चुका है. सरपंच के अनुसार, शिक्षिका की लापरवाही ही विद्यालय में नामांकन घटने का मुख्य कारण है.
शिकायतें के बावजूद नहीं हुई कोई कार्रवाईग्रामीणों और सरपंच का कहना है कि शिक्षिका के खिलाफ कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. ग्रामीणों का मानना है कि अगर शिक्षिका का तबादला कर दिया जाए, तो विद्यालय की स्थिति सुधर सकती है और नामांकन भी बढ़ सकता है.
पीईईओ ने भी मानी शिक्षिका की लापरवाहीपीपलकी पीईईओ मनोज गुप्ता ने भी माना कि ग्रामीणों के आरोप काफी हद तक सही हैं. उनके अनुसार, निरीक्षण के दौरान भी शिक्षिका विद्यालय में समय पर नहीं मिली हैं और उनका रवैया उदासीन रहा है. उन्होंने बताया कि नामांकन बढ़ाने के प्रयास किए गए, लेकिन शिक्षिका के रवैये के कारण सफलता नहीं मिली.
अब ग्रामीणों को इंतजार है विभागीय कार्रवाई काअब सवाल यह है कि शिक्षा विभाग कब इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करता है. ग्रामीणों की मांग है कि कार्यरत शिक्षिका का तबादला किया जाए और विद्यालय में एक जिम्मेदार शिक्षक की नियुक्ति हो ताकि बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
Location :
Dausa,Rajasthan
First Published :
April 21, 2025, 11:17 IST
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